मॉब लिंचिंग कितना सच, कितना झूठा : एक विमर्श


 

BY-SAEED ALAM

प्राप्त जानकारी के अनुसार चोरी के आरोप में एक युवक की पिटाई बिहार राज्य के सीतामढ़ी में देखने को मिली
यहां चोरी के आरोप में एक युवक को भीड़ द्वारा अपना तालिबानी चेहरा दिखा.

यह घटना सीतामढ़ी के सहियारा थाना गांव सिंहरिया की है जहां के निवासी रुपेश झा को चोरी के शक के कारण बुरी तरीके से पिटाई करके हत्या कर दी गई. यह युवक सीतामढ़ी शहर से अपनी बहन का इलाज कराके वापस लौट रहा था.

आपको बताते चलें कि देश में विगत कई महीनों से अलग-अलग हिस्सों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिनके कारण भीड़ ने इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है.

अभी राजस्थान में कुछ युवक घूमने के लिए गए थे जहां लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझकर इतनी बुरी तरीके से मारा  कि वे अंततः अपना दम तोड़ दिए. बाद में जांच पड़ताल के बाद यह बात स्पष्ट हुई  कि वे एक सभ्य और शरीफ बच्चे थे.

इस समय देश में यह इतना ज्वलनशील मुद्दा है कि इस पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने  टिप्पणी करते हुए कहा है कि- सिर्फ कानून पर्याप्त नहीं है बल्कि सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना भी जरूरी है तभी इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

वहीं दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री ने भी अपनी राय दी है- इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और उनको शीघ्र रोका जाना चाहिए.

देश की राजधानी दिल्ली हो अथवा उत्तर प्रदेश और बिहार हर जगह इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. उत्तर पश्चिम दिल्ली में एक नाबालिग युवक को चोरी के शक के आधार पर लोगों ने पीट डाला और बाद में उसकी मृत्यु हो गई.

इसी तरह उत्तर प्रदेश के बरेली में भी भैंस चोरी के इल्जाम में लोगों ने कठोर कदम उठाते हुए एक व्यक्ति को मार डाला. देश में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के हापुड़ में लिंचिंग केस के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है.

इन सब घटनाओं पर फिल्म इंडस्ट्री ने भी अपनी लेखनी चलाई. हाल में 15 अगस्त को द ब्रदर हुड नामक एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई जो हिंदू-मुसलमान के बीच के रिश्ते को खंगालती है.

यह दिल्ली के निकट दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितंबर 2015 की रात अख़लाक़ नामक युवक की हत्या करने के संदर्भ को लेते हुए बनाई गई है. अखलाक पर ग्रामीणों द्वारा गाय की हत्या तथा उसके मांस के सेवन का शक था.

आज पूरे देश में इस तरह की घटनाएं घट रही है जहां कुछ विकृत मानसिकता के लोग गोरक्षा के नाम पर लोगों की हत्या करने से भी नहीं चूकते रहे हैं.

विचारणीय पहलु यह कि ऐसी घटनाएं वहां घट रही हैं जहाँ हिंदू और मुसलमानों के बीच परस्पर घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं.

यहां तक कि लोग एक दूसरे के बिना कोई रीति – रिवाज पूरे नहीं करते थे आज यहीं के लोगों का यह हाल है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां अब मॉब लिंचिंग जैसी कुत्सित कृत्य की साजिश रच रही हैं.

यह देश की एकता, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और संवैधानिक ढांचे के बिल्कुल खिलाफ है. हमें एक सजग स्वस्थ मानसिकता का परिचय देना होगा तभी हम एक विविधतावादी देश की बेहतर ढंग से एकता कायम कर सकेंगे.

(स्वतंत्र लेखक एवं विचारक)

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