मनव्वर रिज़वी
गोरखपुर: योगी सरकार पर एक ‘विशेष वर्ग’ की सरकार होने का आरोप लगता रहा है और गाहे बगाहे एक वर्ग विशेष के उत्पीडन की बात भी कही जाती रही है.
सीधे शब्दों में कहें तो वतर्मान सरकार में एक जाति विशेष के हावी रहने की ही चर्चा होती रहती है. लेकिन इसके उलट बात करें तो खुद
सरकार के मुखिया के शहर का दिल कहे जाने वाले थाना कोतवाली में इसका उलट है. यहां पुलिस के प्रभारियों की तैनाती का हाल जान लेंगे तो यकीन जानिए इसके बाद आप कभी इस सरकार पर जातिवादी होने का आरोप नही लगाएंगे.
आपको बता दें कि कोतवाली थाने की चार चौकियां हैं. ये थाना शहर के बीचों-बीच घनी आबादी में स्थित है और पूरी तरह से व्यापारिक गतिविधियों के केंद्र में है.
शहर कोतवाल की जिम्मेदारी हो या थाने के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले दीवान के पद की, चाहे इस थाने से सम्बंधित पुलिस चौकियों के प्रभारियों की बात हो सभी एक ही वर्ग से आते हैं.
अब इसे महज़ इत्तेफ़ाक कहेंगे या कुछ और क्योंकि सीएम योगी के शहर गोरखपुर का दिल कहे जाने वाला कोतवाली थाना ये बताने के लिए काफी है कि
यहाँ जातिवाद नही चलता बल्कि यहां एक ही जाति का कब्ज़ा हैं और समाज के किसी अन्य वर्ग की कोतवाली और उसकी चौकियों पर
प्रभारी वाली ज़िम्मेदारी में हिस्सेदारी शून्य है, इसलिए यहां सबका साथ और सबका विकास का सरकारी नारा बेमानी लगता है.