BY- THE FIRE TEAM
- आज़मगढ़ के निज़ामाबाद में मुस्लिम युवकों पर हमले के बाद पीड़ितों से रिहाई मंच ने की मुलाक़ात
- निज़ामाबाद में शादी में जा रहे युवकों पर सामूहिक हमला
- हिन्दू और मुस्लिम एकजुटता ने किया अराजक तत्वों के मंसूबों को नाकाम
आज़मगढ़ के कसबा निज़ामाबाद बाईपास मोड़ पर अयोध्या सिंह हरिऔध की प्रतिमा के पास 25 जून की शाम करीब साढ़े सात बजे अराजक तत्वों ने साम्प्रदायिक आधार पर मुस्लिम युवकों पर हमला किया।
शाबान अहदम पुत्र मेराज अहमद (17), सलीम अहमद पुत्र सेराज अहमद (23), इज़हार अहमद पुत्र अशफाक़ अहमद (37) और एहरार अहमद पुत्र सरफराज़ (42) एक शादी में जा रहे थे तभी उनपर ईंट, लाठी, डंडों से अचानक हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया।
रिहाई मंच के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में मसीहुद्दीन संजरी, विनोद यादव और अवधेश यादव शामिल थे।
हमले में बुरी तरह घायल शाबान के पिता मेराज अहमद ने बताया कि पास के गांव डोड़ोपुर में उनके चचा शमशाद खान के नाती मो० सऊद की 26 जून को बारात जाने वाली थी।
उनके गांव में परंपरा रही है कि मुस्लिम समुदाय में लड़कों की बारात से एक दिन पहले हिंदू पड़ोसियों और मित्रों की दावत होती है और बारात के बाद दूसरे दिन गांव वालों व मुस्लिम रिश्तेदारों की दावत की जाती है।
उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए उनके चचा शमशाद खान ने दावत की थी जिसमें शामिल होने और व्यवस्था देखने के शाबान, सलीम और इज़हार पैदल डोड़ोपुर जा रहे थे।
घर से करीब दो सौ मीटर बाईपास मोड़ पर आठ–दस की संख्या में युवकों ने उन्हें कटुआ और साम्प्रदाय सूचक गाली देना शुरू कर दिया, सभी नशे में थे।
जब इन लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया तो गंदी गालियां देते हुए उनका रास्ता रोक दिया। आपत्ति करने पर ईंट, लाठी और डंडों से तीनों को पीटना शुरू कर दिया।
खबर सुनकर मेराज के (उनसे उम्र में कम) खानदानी चचा एहरार अहमद जब वहां पहुंचे तो वह लोग उन पर भी टूट पड़े। दूसरी तरफ से स्वंय मेराज अहमद भी मौके पर पहुंचे और कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर किसी अनहोनी को टालते हुए घायलों को बचाया।
उसमें स्थानीय सभासद कान्ता सोनकर के पुत्र ने अपने सजातीय हमलावरों से घायलों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इस प्रयास में उनको हल्की चोटें भी आईं।
मेराज अहमद बताते हैं कि वह और महिलाओं समेत परिवार के अन्य लोग शादी में पहले ही जा चुके थे। डोड़ापुर पास में ही है, जब उन्हें सूचना मिली तो भागते हुए घटना स्थल पर पहुंचे और देखा कि कुछ लोग ज़मीन पर गिर चुके घायलों (उनका भांजा सलीम अहमद, भाई इज़हार अहमद और एहरार अहमद) की पिटाई कर रहे थे और कुछ अन्य जान बचाकर भाग रहे खून से लतपथ उनके बेटे शाबान का पीछा कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि भांजा सलीम जलालपुर, अम्बेडकर नगर से शादी में शामिल होने आया था। वह सदर अस्पताल में भर्ती है और उसका सीटी स्कैन किया गया है। सर में गंभीर चोट है और पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं।
एहरार ने बताया कि हमलावर मारते हुए लगातार गाली दे रहे थे जान मारने की बात कह रहे थे।
मेराज ने बताया कि आरोपियों में से कुछ के खिलाफ छेड़खानी और अन्य मामलों में पहले से ही कई मामले दर्ज हैं।
अराजक तत्वों ने घटना साम्प्रदायिक बनाने का प्रयास किया लेकिन घटना के बाद उनके पासपड़ोस और कसबे हिंदू समुदाय के लोगों ने उनके घर पहुंच अपनी संवेदना व्यक्त की।
इस एकजुटता ने आरोपियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। पीड़ित परिवार ने चार आरोपियों के खिलाफ नामज़द और कुछ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
पुलिस ने अब तक चार गिरफ्तारियां की हैं। परिवार और पास–पड़ोस के दोनों समुदायों के लोगों की मांग है कि यथाशीघ्र आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
द्वारा
मसीहुद्दीन संजरी
रिहाई मंच आज़मगढ़
94555 71488
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