प्राप्त जानकारी के मुताबिक आने वाली तारीख 23 अप्रैल को जस्टिस एस ए बोबडे सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनकी जगह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एन वी रमन्ना नियुक्त किए जाएंगे.
आपको बताते चलें कि जस्टिस बोबडे ने जस्टिस रमन्ना का नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास सिफारिश के लिए भेजा था जिसे राष्ट्रपति ने अपनी औपचारिक तौर पर सहमति दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस एनवी रमन्ना https://t.co/gOMx0b9VS4
— Dainik Bharat 24 (@dainikbharat24) March 24, 2021
वर्ष 2014 को जस्टिस रमन्ना सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे, इसके पहले वह दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर कार्य कर चुके हैं.
ऐसा बताया जा रहा है कि रमन्ना आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नावरम गांव में हुआ था. यह एक कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं तथा इन्होंने 1983 को बताओ एडवोकेसी के क्षेत्र में अपना कैरियर शुरू किया था.
अपने एडवोकेसी के दौर में जस्टिस रमन्ना ने ‘सेंट्रल एंड आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल’, सुप्रीम कोर्ट में सिविल, क्रिमिनल, संवैधानिक लेबर सेवा और चुनाव से जुड़े विभिन्न मुद्दों को गहराई से समझा और देखा है.
अक्टूबर 2020 में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने जस्टिस रमन्ना और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश जस्टिस बॉबडे को चिट्ठी लिखा था. इस पत्र के माध्यम से इन्होंने अमरावती में जमीन की खरीद में हुए भ्रष्टाचार में शामिल बताया था.
यहां तक कि यह भी आरोप लगाया कि अपनी सुनवाई और फैसले के धरातल पर उनकी सरकार को अस्थिर करने की भी कोशिश करते रहे हैं.
इन दोनों व्यक्तियों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया था कि दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से रेड्डी की चिट्ठी की आलोचना की गई जबकि ‘ऑल इंडिया लायर्स यूनियन’
ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने तक की मांग कर डाली. इस विषय में यूनियन ने कहा कि यदि जस्टिस वर्मा पर आरोप सिद्ध हुए तो सीएम पर जुर्माना भी लगाया जाएगा.