विकास को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए: पीएम नरेंद्र मोदी

प्राप्त सूचना के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी का नाम लिए,

विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि मतभेदों का दौर बहुत पहले खत्म हो चुका है अब सभी को एक साथ, एक लक्ष्य लेकर नए भारत का निर्माण करना चाहिए.

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि-“विकास को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि राजनीति इंतजार कर सकती है लेकिन विकास इंतजार नहीं कर सकता है.”

हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का एक अहम हिस्सा है किंतु सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है.

समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो तो हर मतभेद किनारे रख देना चाहिए. राष्ट्र के समाज के विकास को राजनीतिक चश्मे से ना देखा जाए.

जब एक बड़े उद्देश्य के लिए हम आते हैं तो संभव है कि कुछ तत्व इससे परेशान हो, ऐसे तो दुनिया के हर देश में मिल जाएंगे. कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके अपने स्वार्थ होते हैं,

वह अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए हर हथकंडे अपनाएंगे, नकारा त्मकता. फैलाएंगे नरेंद्र मोदी ने कहा कि- “आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है, जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है इसे लेकर सब उत्सुक हैं.”

इसलिए हम सबका एक निष्ठ लक्ष्य होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाया जाए? छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आप सभी युवा साथी इसी सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं जो हम हासिल ना कर सकें.

सोचने का पहलू यह है कि प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब ठंड के मौसम में बड़ी संख्या में किसानों के द्वारा केंद्र सरकार ने कृषि बिल का विरोध करने के लिए विवश हो चुके हैं.

यह सारे किसान इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि भाजपा सरकार इस आंदोलन को विपक्षी दलों के द्वारा साजिश करने का आरोप लगाया है.

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