BY- फैजान अहमद खान
मोदी जी कर रहे हैं मुसलमानों का विकास
लोकसभा में चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता लोग सबक सीखेंगे। कार्यकारिणी नए सिरे से बनाएंगे और जनता के बीच जाकर उनकी इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे।
मगर ऐसा किसी भी हारी हुई पार्टी के अध्यक्षों ने नहीं किया चाहे वह समाजवादी पार्टी हो कांग्रेस हो या बहुजन समाज पार्टी हो।
इन सभी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय केवल ट्विटर पर ट्वीट करके ही समाजवाद समझते हैं ।
उन्हें असली मौजूदा समाजवाद नेता नेताजी मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, सोनिया गांधी, नरेंद्र मोदी, अमित शाह आदि नेताओं द्वारा सीखना चाहिए व उनके द्वारा जनता के लिए किए गए संघर्ष को याद करना चाहिए, और सभी को सबक लेना चाहिए ।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनकी आंखें मोदी जी भी नहीं खोल पाए, अभी भी यह लोग नींद में है। यह लोग केवल सोशल मीडिया पर ही काम कर रहे हैं अन्यथा खामोश बैठे हैं।
यादव समाज यह देख कर भाजपा में गया कि अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिमपल यादव द्वारा बहन जी के पैर छुलवाए है एवं पिता व चाचा को एक तरफ कर दिया।कारणवश यादव समाज की बेज्जती करवाने का संदेश गया, और पिता की दी हुई 35 सीटों में महज 5 सीट ही जीत पाए।
वहीं दूसरी ओर दलित समाज खुश होता है की यादवों ने बहन जी (दलित समाज) के पैर छुए। गैस्ट हाऊस कांड का बदला लिया और उसके साथ गठबंधन कर जीरो से 10 सीटें हासिल कर ली।
मगर मुसलमान तो इन्हीं लोगों को देखकर ही खुश हो जाता है वे अपना व अपने समाज का भला कभी नहीं सोचता। किसी के भी साथ सवार होने के लिए तैयार रहता है।
कभी साइकिल की सवारी करता है तो कभी हाथी की सवारी। अपने हक की लड़ाई कभी नहीं लड़ता दूसरे समाजों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहता है। मगर जब उसे इंसाफ की जरूरत होती है तो दूसरे समाज के लोग नहीं आते।
अपने पूर्वजों की द्वारा किए हुए संघर्षों को भूलकर जी रहा है। मुसलमानों में बेहद कमी यह है कि वह बच्चों को तालीम नहीं दे पा रहा है और ना ही उनका विकास कर पा रहे है। ना ही उन्हें रोजगार दिला पा रहे, बल्कि मुस्लिम समाज के बच्चे सबसे ज्यादा नशे में पड़े हुए हैं।
सभी जवानों का यही हाल है, मुस्लिम लड़के नौजवान नशे की लत में पड़े हुए हैं। नशा चाहे वह पढ़ाई के साथ कर रहे हो या फिर बिना पढ़ाई के, मुस्लिम समाज को चाहिए कि वे अपने नौजवानों लड़कों को नशे से बचाने का काम करें और उन्हें तालीम देने का काम करें।
अगर नियत साफ होगी सरकार एवं एनजीओ सभी करेंगे मदद:
मोदी जी ने कई बार मुसलमानों को संदेश दिया कि यह लोग क्षेत्रीय पार्टी बनाकर केवल अपने लिए ही काम कर रहे हैं और किसी के लिए नहीं।
मोदी जी ने मुस्लिम समाज के लिए 100 से अधिक केंद्रीय विद्यालय के लेवल के स्कूल पास किए हैं। मुस्लिम समाज में सबसे ज्यादा आईएएस, आईपीएस बने उसके लिए फ्री में कोचिंग का प्रबंध किया, हज यात्रा ₹90000 में कराने का प्रयास कर रहे हैं, मुस्लिमों को सबसे ज्यादा मकान देने का काम किया, मदरसों में सबसे अधिक पैसा दिया गया ताकि दीनी तालीम के साथ-साथ स्कूल की तालीम युवा कंप्यूटर की तालीम भी हासिल कर सकें।
हलाला जैसी गैर इस्लामिक रीति-रिवाजों को बंद कराया एवं कठोर सजा देने का प्रावधान बनाया क्योंकि इस्लाम में केवल तलाक का ही प्रावधान है।
हज यात्रा की सब्सिडी बंद की क्योंकि हज अपने निजी मेहनत के पैसों से होता है। अब लोग अपने मेहनत के पैसे से हज कर रहे हैं, सीरिया इसराइल की वोटिंग के समय मोदी जी के कार्यकाल में ही भारत ने सीरिया के पक्ष में वोट किया उससे जाहिर है कि मुस्लिम पक्ष में मोदी जी हमेशा रहे हैं।
मुसलमानों के लिए हजारों योजनाएं एवं सरकार की तरफ से मदद के प्रयास हो रहे हैं मगर मुसलमानों में जागरूकता ना होने के कारण वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते उन्हें जागरूक होना जरूरी है।
उसके अलावा देश भर में पेट्रोल के रेट वही पुराने लेकर आए, गैस के रेट भी सब्सिडी देकर वापस उसी रेटों में लेकर आए, 5 लाख रुपए का आयुष्मान हेल्थ कार्ड बनवाया आदि मुख्य काम किए।
लेखक पत्रकार व सामाज सेवक हैं।