BY– THE FIRE TEAM
केजरीवाल बोले- ‘पढकर ख़ूब शेयर ज़रूर करना क्योंकि मीडिया ये नहीं दिखाएगा’
देश में इस समय किसानो की हालत और भी खस्ता है और किसानो को अच्छे दिन का सपना दिखाकर सत्ता में आई मोदी सरकार के खिलाफ इस समय किसान देश की राजधानी दिल्ली की सडको पर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है।
देश के विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए और दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे।
इसी बीच किसानों ने दिल्ली वालों के नाम एक खुला पत्र जारी किया है जो पर्चे की शक्ल में हैं और पिछली रात से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
देश में इस समय किसानो की हालत और भी खस्ता है और किसानो को अच्छे दिन का सपना दिखाकर सत्ता में आई मोदी सरकार के खिलाफ इस समय किसान देश की राजधानी दिल्ली की सडको पर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे है।
देश के विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए और दो दिवसीय किसान मुक्ति मार्च का आज यानी शुक्रवार को दूसरा और आखिरी दिन है और किसान आज अपनी मांगों को लेकर संसद मार्च करेंगे। इसी बीच किसानों ने दिल्ली वालों के नाम एक खुला पत्र जारी किया है जो पर्चे की शक्ल में हैं और पिछली रात से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
किसानो के पर्चे को शेयर करते हुए सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा है, ‘ये ज़रूर पढ़ना और ख़ूब शेयर करना क्योंकि मीडिया ये आपको नहीं दिखाएगा।’ इस पर्चे में सबसे ऊपर लिखा है कि ‘माफ़ कीजियेगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी’ इसके बाद पर्चे में लिखा है, ‘हम किसान है। आपको तंग करना हमारा इरादा नहीं है. हम खुद बहुत परेशान है। सरकार को और आपको अपनी बात सुनाने बहुत दूर से आये है। हमें आपका बस एक मिनट चाहिए।’
इस पर्चे में किसानो ने बताया कि मूंग साबुत एक किलो के लिए आप 120 रूपए देते हैं और हमें 46 रूपए मिलते हैं, एक किलो टमाटर के लिए आप 30 रूपए देते हैं और हमें 5 रूपए मिलते हैं, एक किलो सेब के लिए आप 110 रूपए देते हैं और हमें 10 रुपय मिलते हैं, एक लीटर दूध के लिए आप 42 रूपए देते हैं और हमें 20 रूपए मिलते हैं।
इसके आगे किसानो ने लिखा, ‘यह हम हमारी परेशानी। हम हर चीज़ महंगी खरीदते है और सस्ती बेचते है। हमारी जान भी सस्ती है। पिछले बीस साल में तीन लाख से ज़्यादा किसान आत्महत्या कर चुके है। हमारी मुसीबत की चाबी सरकार के पास है, लेकिन वो हमारी सुनती नहीं। सरकार की चाबी मीडिया के पास है, लेकिन वो हमें देखता नहीं और मीडिया की चाबी आपके पास है। आप हमारी बात सुनेंगे, इस उम्मीद से हम आपको अपनी दुःख तकलीफ समझाने आये है।
गौरतलब है कि किसानो की केवल यही मांग है कि एक ऐसा कानून पास किया जाए जिसमे किसानो को फसलो के उचित दाम की गारंटी और क़र्ज़ से मुक्ति मिले। किसान आज इसी मांग के साथ संसद मार्ग तक मार्च करेंगे और उन्होंने सरकार और प्रशासन को चेताया है कि अगर उन्हें संसद की ओर जाने से रोका गया तो फिर वे न्यूड प्रदर्शन करेंगे। रामलीला मैदान में किसान ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाते दिखे।