BY- THE FIRE TEAM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता के बीच जोश भर देते हैं। वह जहां-जहां रैली करते हैं वहाँ अमूमन प्रत्याशी जीतते हैं। 2014 के बाद से यह आम धारणा बनी हुई है।
2014 के लोक सभा चुनाव में मिली जीत के बाद बीजेपी लगातार आगे ही बढ़ रही है। मोदी जी राज्य के चुनाव में खूब दिलचस्पी लेते हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव जिस तरह हुए थे यह किसी से छिपा नहीं है।
2014 के लोक सभा चुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा के भी चुनाव हुए। इस चुनाव में पहली बार बीजेपी बहुमत में आई। नए चहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया जिसका नाम पहले बहुत कम लोग जानते थे।
2019 में एक बार फिर लोक सभा के चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई। अब फिर हरियाणा के विधानसभा चुनाव की बारी आई।
जो जीत 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली उससे अन्दाजा लगाया जाने लगा कि हरियाणा में बीजेपी इस बार रिकॉर्ड तोड़ेगी क्योंकि लोकसभा में वह 10 की 10 सीटें जीती थी। उस चुनाव में मत प्रतिशत 55 था। 90 विधान सभा सीटों में से 79 हल्के में बीजेपी आगे थी।
बस यही जोश और ज्यादा कॉन्फिडेंस बीजेपी को हरियाणा में बहुमत से दूर कर गया।
हरियाणा में मोदी जी ने कुल 7 रैलियां की और जीत सिर्फ 3 पर ही मिली। यानी कि 50 प्रतिशत से भी कम।
1. बल्लभगढ़- भाजपा जीती
2.दादरी- निर्दलीय जीत
3.ऐलनाबाद- इनेलो
4.रेवाड़ी- कांग्रेस
5.कुरुक्षेत्र-भाजपा
6.गोहाना-कांग्रेस
7.हिसार- भाजपा
मतलब साफ है की कहीं-न-कहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आयी है।
वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी की बात की जाए तो उन्होंने मात्र दो ही रैली की।
1.नूहं- कांग्रेस जीती
2.महेंद्रगढ़-कांग्रेस जीती
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