हिमाचल प्रदेश: नए राजमार्गों के निर्माण की मंजूरी में विलम्ब से जनता निराश


BYSUSHIL BHIMTA


केंद्रीय सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के 51 हाईवे की डीपीआर में लगाई गई रोक से नए राजमार्गों के निर्माण की मंजूरी में विलम्ब से प्रदेश की जनता काफी निराश हो गई है।

हिमाचल प्रदेश के 51 हाईवे की डीपीआर पर केंद्रीय सड़क व भूतल विभाग द्वारा रोक लगा दी गई है। इसके चलते इन सड़क मार्गों की अधिसूचना रुक गई है।

केंद्रीय परिवहन व भूतल मंत्री नितिन गड़करी द्वारा हिमाचल प्रदेश के 69 हाईवे मार्गों को बनाने की घोषणा की थी दी। 69 में से 58 हाईवे की डीपीआर बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी केंद्रीय मंत्रालय द्वारा प्रदेश सरकार को देकर डीपीआर बनने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने को कहा गया था और प्रदेश सरकार ने 69 में से 51 हाईवे के लिए कंसल्टेंट भी नियुक्त कर दिए हैं।

मगर केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री के ऐलान और केंद्रीय सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद भी एक भी सड़क मार्ग की डीपीआर बनाने के लिए केंद्रीय भूतल और परिवहन मंत्रालय में पड़े प्रस्ताव पर हांमी नहीं भरी जा रही।

बड़े खेद की बात है कि केंद्रीय मंत्री नितिन जी द्वारा किए गए 4440 किलोमीटर लम्बे हाईवे के निर्माण के बाद भी खुद मंत्री महोदय ने चुप्पी थाम ली।

इनमें से पहले ही 6 मार्ग परियोजनाएं नेशनल हाई-वे आथार्टी ऑफ़ इंडिया और नेशनल हाई-वे के पास थी।
25 कंसल्टेंट की फाइलें पहले ही जुलाई 2018 में केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजी जा चुकी हैं और बाकी बचे कंसल्टेंट की कार्यवाही भी पूरी की जा चुकी है।

प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद भी मंजूरी नहीं दी जा रही। नियमानुसार तो ऐसा किया जाना गलत है। फिर ऐसाा क्यों?

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