70 साल में पहली बार पैसे की किल्‍लत से जूझ रही आर्मी, 1,50,000 फौजियों की नौकरी खतरें में !


BYTHE FIRE TEAM


भारतीय सेना आधुनिक हथियार खरीदने के लिए ऐसे विकल्‍प पर विचार कर रही है, जिसके बारे में शायद ही कभी सोचा गया हो। हथियार की कमी से जूझ रही सेना 1.5 लाख नौकरियों को खत्‍म करने पर विचार कर रही है।

इससे बचे पैसे से हथियार खरीदे जाने की योजना बनाई जा रही है। रिपोर्ट की मानें तो इतनी बड़ी तादाद में नौकरियों को समाप्‍त करने से सेना को 5,000 से 7,000 करोड़ रुपये तक की बचत होगी, जिसका इस्‍तेमाल हथियार खरीद में किया जाएगा।

साथ ही हथियारों के रख-रखाव पर भी ज्‍यादा खर्च किया जा सकेगा। मौजूदा समय में सेना का कुल बजट 1.28 लाख करोड़ रुपया है। इसमें से 83 फीसद दैनिक खर्च और वेतन में ही खप जाता है। इसके बाद सेना के पाास महज 26,826 करोड़ रुपये बचता है।

इंडियन आर्मी इस राशि को नए हथियारों की खरीद और उसके रखरखाव पर खर्च करती है। बदलते सामरिक हालात में सेना इस राशि को बेहद कम मानती है। डेढ़ लाख नौकरियां खत्‍म करने के बाद सेना के पास खर्च करने के लिए 31,826 से 33,826 हजार करोड़ रुपये होंगे।

गौरतलब है कि रिटायर्ड जवानों और अधिकारियों के पेंशन के लिए अलग से फंड निर्धारित किया जाता है। बता दें कि सेना के वरिष्‍ठ अधिकारी संसदीय समिति के समक्ष बजट की घोर किल्‍लत की बात उठा चुके हैं। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि सेना के पास मैनपावर कम करने का प्रस्‍ताव आया है, लेकिन यह फिलहाल विचार-विमर्श के स्‍तर पर ही है। इसे अभी तक स्‍वीकार नहीं किया गया है। साथ ही यह भी बताया कि सेना में कार्यरत जवानों और अधिकारियों को समय पूर्व निकालने का सवाल ही नहीं उठता है।

मालूम हो कि सेना से हर साल 60,000 सैन्‍यकर्मी रिटायर होते हैं, ऐसे में यदि सेना को मैनपावर में कटौती करनी होगी तो कुछ साल तक वार्षिक भर्तियों को बंद करना पड़ेगा या फिर उसमें कटौती करनी होगी। बताया जाता है कि लेफ्टिनेंट स्‍तर के चार वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारी मैनपावर कम करने के प्रस्‍ताव पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

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