BY-THE FIRE TEAM
यह लोकतंत्र की ताकत और व्यक्ति की योग्यता का ही परिणाम है कि कल तक कूड़ा बीनने का काम करने वाले भाजपा के राजेश कालिया को शुक्रवार को चंडीगढ़ नगर निगम का नया मेयर चुना गया है.
एक समय था जब राजेश कालिया बचपन में कूड़ा बीन कर 20-30 रुपये प्रतिदिन कमाकर अपनी आजीविका चलाया करते थे. आपको बता दें कि राजेश वाल्मीकि समुदाय से आते हैं.
राजेश के पिता कुंदनलाल एक सफाई कर्मी के तौर पर सेवानिवृत्त हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि राजेश कालिया ने बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ को पांच मतों के अंतर से हराया.
कैंथ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थे. उन्होंने बताया कि कुल 27 मतों में से कालिया के पक्ष में 16 मत पड़े जबकि कैंथ को 11 मत मिले.
कांग्रेस की तरफ से नामित शीला देवी ने चुनाव शुरू होने से पहले अपना नाम वापस ले लिया था. भारतीय जनता पार्टी का 20 मतों के साथ सदन में बहुमत है जबकि कांग्रेस के चार पार्षद हैं.
एक पार्षद शिरोमिणि अकाली दल का है जबकि एक निर्दलीय पार्षद हैं. वहीं, चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर ने पदेन सदस्य के रूप में अपने मताधिकार का उपयोग किया.
राजेश कहते हैं कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था एक दिन वह चंडीगढ़ में मेयर की कुर्सी को संभालेंगे. राजेश एक निर्धन परिवार से ताल्लुक रखते हैं.
राजेश कालिया का बचपन से ही राजनीति में रुझान था. पार्टी के वफादार कार्यकर्ता होने के चलते राजेश को पहले पार्षद और अब मेयर बनाया गया है.