BY-THE FIRE TEAM
राजस्थान में भाजपा को हराने के बाद कांग्रेस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए, अशोक गहलोत या सचिन पायलट?
दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम पद पर देखना चाहते हैं। इसी क्रम में सचिन पायलट के एक समर्थक ने अपने खून से चिट्ठी लिख डाली है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संबोधित करते हुए लिखी गई इस चिट्ठी में लिखा, ‘हम राजस्थान के सभी युवाओं की ओर से विनम्र अपील करते हैं कि-
राजस्थान में पिछले 5 साल से सचिन पायलट ने अपना खून पसीना बहाकर संघर्ष किया। उनका संघर्ष हम बेकार नहीं जाने देंगे।’ सचिन पायलट ने ही जान फूंकी गर्त में समा चुकी कांग्रेस में सचिन पायलट ने ही जान फूंकी
Rajasthan: Congress Legislature Party to Meet, Name of Next Chief Minister to be Discussed
Former chief minister Ashok Gehlot and PCC President Sachin Pilot are in the race for the top post. pic.twitter.com/H4xScvvh98
— Chirag Patel18 (@ChiragVasani15) December 12, 2018
आपको बता दें कि सचिन पायलट कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट के बेट हैं। वह यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे और दौसा लोकसभा सीट से जीते थे।
काफी समय तक सचिन पायलट दौसा सीट तक ही सीमित रहे, लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व में 2013 में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद हताशा के गर्त में समा गई।
राजस्थान कांग्रेस में जान फूंकने की जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ कैंपेन शुरू किया और घर-घर कांग्रेस का प्रचार किया। इस दौरान अशोक गहलोत करीब-करीब राजस्थान की राजनीति से बाहर ही थे।
यह बात सच है कि अशोक गहलोत का पलड़ा भारी है, लेकिन सचिन पायलट को रेस में हराना उनके लिए इतना भी आसान काम नहीं है।
अशोक गहलोत चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में हुई अशोक गहलोत ने चला बड़ा दांव
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में अशोक गहलोत की सक्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने ऐलान किया कि-
हाईकमान के आदेश पर वह खुद और पायलट दोनों विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस कॉन्फ्रेंस में दोनों के बीच तल्खी साफ दिखी थी। सचिन पायलट ने कहा,
‘राहुल गांधी जी के आदेश और अशोक गहलोत जी के निवेदन पर मैं भी विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।’ अशोक गहलोत का जिक्र सचिन पायलट ने निवेदन के साथ इसलिए किया था,
क्योंकि वह बता रहे थे राजस्थान में कांग्रेस के नंबर एक नेता वही हैं।
सीएम पद पर फैसला :
2019 चुनाव को ध्यान में रखकर होगा सीएम पद पर फैसला :
अब बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आखिरकार किसे राजस्थान की कमान सौंपते हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री चुनते वक्त उन्हें यह भी याद रखना होगा कि 2019 लोकसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं।
अशोक गहलोत मंझे हुए नेता हैं और चुनावी गेम समझते हैं। दूसरी ओर सचिन पालयट के पास उतना अनुभव तो नहीं है, लेकिन राजस्थान में उन्होंने कांग्रेस की क्रेडिबिलिटी तो बनाई है।
अब देखना होगा दिल्ली से आखिर किसके नाम का पर्चा लिखकर आता है।