पेट्रोलियम कम्पनियों का वायु सेवा देने वाली ‘एयर इंडिया’ के ऊपर पाँच हजार करोड़ रूपये की उधारी


BY-THE FIRE TEAM


देश के प्रधानमंत्री जब भी देशवासियों को सम्बोधित करते हैं तो बताते हैं कि वे 24 घंटों में 18 घंटे भारत के विकास को सुनिश्चित करने, समृद्धि लाने के लिए कार्य करते हैं.

किन्तु यह बात समझ से परे लगती है कि इतनी मेहनत के बाद भी सरकारी कमपनियाँ इतने घाटे में कैसे चल रही हैं ? आपको बता दें कि इस समय राष्ट्रीय विमानन कम्पनी एयर इंडिया ने विगत आठ महीनों से

अनेक तेल कंपनियों से लिए गए ईंधन जो लगभग 5000 करोड़ रूपये मूल्य का है, चुका नहीं पा रही हैं. इसके कारण अब वे एयर इंडिया को ईंधन देने से मना कर रही हैं.

 

इस विषय में ऑयल इंडिया ने जानकारी देते हुए कहा है-एयर इंडिया के पास वैसे तो 90 दिनों के भीतर भुगतान करने का विकल्प होता है, जब वह तेल खरीदती है किन्तु यह अवधि पिछले दो सालों से सबसे खराब स्थिति में चली गई है.

मिली जानकारी के अनुसार भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा ईंधन उपलब्ध नहीं कराये जाने पर कोच्चि, पुणे, पटना, राँची, मोहाली, विशाखापट्नम हवाई अड्डों पर तेल नहीं मिल रहा है.

यातायात सेवाओं में आई बाधा को दूर करने के लिए एयर इंडिया अन्य ईंधन प्रदाता कम्पनियों से ईंधन लेकर अपना कार्य कर रही हैं फिर भी स्थिति खराब है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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