अकबरुद्दीन ओवैसी ने मॉब लिंचिंग के केस में दिया बड़ा बयान, छिड़ा विवाद


BY-THE FIRE TEAM


अपने ओजस्वी बयानबाजियों को लेकर जिस कदर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सुर्ख़ियों में सदैव बने रहते हैं, ठीक वैसे ही इनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी भी चर्चा में रहते हैं.

ताजा सूचना मिलने तक यह पता चला है कि अकबरुद्दीन ने पुनः अपने उस पुराने बयान को दुहराया है जिसमें उन्होंने कुछ वर्ष पहले कहा था कि-

कुछ समय लगभग 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो फिर बताते हैं कि हम क्या कर सकते हैं, जिसके कारण वे विवादों में आ गए हैं.

 

दरअसल, यह बयान उन्होंने आरएसएस को काउंटर बैलेंस करने के लिए दिया है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि जो डरते हैं उनको ही बार-बार डराया जाता है, ऐसे में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है.

आपको बताते चलें कि अकबरुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा विधानसभा से विधायक हैं और एक बार यह भी बोला था कि हम (मुस्लिम) पन्द्रह करोड़ हैं जबकि वे (हिन्दू) अस्सी करोड़ हैं, फिर भी हम देख लेंगे किसमें कितना दम है.

यह भाषण उन्होंने करीमनगर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए दिया है, जहाँ देश में लगातार मॉब लिंचिंग की घटनायें घट रही हैं. अभी कुछ दिनों पूर्व झारखंड में एक मुस्लिम युवक

तबरेज अंसारी को चोरी के शक में भीड़ ने उसको इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी मृत्यु हो गई. ऐसे ही एखलाक हुसैन का केस भी हुआ था, हालाँकि उस पर गो-मांस रखने का शक जताया गया था.

वर्तमान में मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने देश के एक बड़े जनसमूह के लोगों को जिस तरह से टारगेट किया गया है, चाहे साम्प्रदायिकता के आधार पर हो अथवा दलितों को घेरे में लेते हुए जातीय श्रेस्थता दिखाने लिए,

ये सभी घटनाएँ बर्दाश्त करने योग्य नहीं हैं. यही वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसमें हस्तक्षेप करते हुए सरकार को कड़े कानून बनाने की नसीहत दी है.

 

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