BY-THE FIRE TEAM
सभी तरह के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है कि कई मजदूर संगठनों द्वारा न्यूनतम मजदूरी (मिनिमम वेज) को लेकर काफी समय से किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार जल्द ही सभी सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ी राहत देने वाली है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने सभी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू करने की सिफारिश की है।
सरकार के इस कदम से देश भर में काम कर रहे लगभग 48 करोड़ लोगों को फायदा होगा। बता दें कि 48 करोड़ श्रमिकों में से 82 फीसदी से अधिक लोग असंगठित क्षेत्र से आते हैं।
संसद की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से जारी की गई सिफारिश में कहा गया है कि, सभी सेक्टर के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू की जाएगी, फिर चाहे वह संगठित हो या असंगठित सेक्टर को हो या फिर वह सेक्टर सरकारी मान्यता प्राप्त हो या ना हो।
इसके साथ ही इस नियम को कड़ाई से लागू करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार की ओर से कहा कि, अगर नियोक्ता कर्मचारी को न्यूनतम मजदूरी नहीं दे रहा है तो उसे 10 लाख रुपए बतौर जुर्माना देना पड़ सकता सकता है।
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि, किसी भी सेक्टर के कर्मचारियों से 8 घंटे से अधिक समय तक काम नहीं लिया जा सकेगा। अर्जेंट वर्क के नाम पर भी कर्मचारियों को नहीं रोका जा सकेगा।
अनुभवी एवं फ्रेशर्स दोनों के लिए समान वेज नहीं होंगे। इसके साथ ही नियुक्ति में अनुभव को महत्व दिया जाएगा। यहीं नहीं हर पांच साल पर न्यूनतम मजदूरी का पुर्न निरीक्षण किया जाएगा।
इसके लिए एक राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी होगी जिसके आधार पर सभी राज्य अपने-अपने राज्य के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करेंगे। सभी राज्य सरकारों को ऐसा करना अनिवार्य होगा।
बता दें किस पिछले साल ‘कोड ऑफ वेज’ बिल को लोक सभा में पेश किया गया था जिसके बाद उसे स्टैंडिंग कमेटी को सौंप दी गया था। अब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंप दी है।