पंडित नेहरू के इस फैसले को अमित शाह ने बताया ‘कैंसर’


BY-THE FIRE TEAM


भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह ने  कांग्रेस के विरुद्ध कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राहुल गाँधी को भाजपा पर आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी और नेताओं की तफ्तीश कर लेनी चाहिए थी.

चूँकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैश-ए-मोम्महद के संस्थापक अजहर मसूद को पिछली एनडीए सरकार के दौरान छोड़े जाने की याद दिला रहे हैं,

https://twitter.com/htTweets/status/1106748168077758464

वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को जवाबी हमले में कहा कि इस तरह की संवेदनहीन टिप्पणी से पहले कांग्रेस अध्यक्ष को उनकी पार्टी और उनके पिता के नाना

जवाहरलाल नेहरू द्वारा चीन और कश्मीर पर की गई गलतियों के बारे में सोचना चाहिए, जो देश के लिए कैंसर बन गई हैं. बता दें कि शाह की टिप्पणी ऐसे समय में आई है,

जब इसके पहले राहुल गांधी ने गांधीनगर में एक रैली में पूछा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को यह बात क्यों नहीं बता रहे हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली पूर्व एनडीए सरकार ने

पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार अजहर को रिहा किया था. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शाह ने कहा कि- इस तरह के सवाल खड़े कर कांग्रेस अध्यक्ष

न केवल संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं, बल्कि अपनी खुद की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की समझ पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

शाह ने शुक्रवार को एक ब्लॉग में लिखा, ‘यह बहस न तो मसूद अजहर की रिहाई से शुरू होती है और न समाप्त होती है. यह सूची लंबी है, और यदि इस पर चर्चा की गई तो कांग्रेस दोषी पार्टी के रूप में दिखेगी.’

शाह ने कहा, ‘कंधार विमान अपहरण मामले-जिसके कारण सरकार को 170 यात्रियों के बदले अजहर को रिहा करना पड़ा था, से 10 साल पहले कांग्रेस सरकार ने

तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद की रिहाई के लिए 10 आतंकवादियों को रिहा किया था.’ उन्होंने कहा कि अजहर की रिहाई का निर्णय वाजपेयी ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से लिया था,

लेकिन संप्रग सरकार ने 2010 में पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए एक सद्भावना के तौर पर 25 आतंकियों को एकतरफा रिहा कर दिया था.

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