एनआरसी के आंकड़ों से 41 लाख लोगों पर पहचान का गहरा सकता है संकट


BY-THE FIRE TEAM


पूर्वोत्तर राज्यों में जो अनेक चुनौतियाँ केंद्र सरकार झेल रही है अब उसको दूर करने लिए उसने कमर कस लिया है. इस संबंध में एनआरसी का जारी किया जाना बड़ा. कदम है. मिली जानकारी के मुताबिक सरकार

ने जो डेटा तैयार किया है उसमे 19 लाख से भी अधिक ऐसे लोग हैं जिनका नाम इस रजिस्टर में दर्ज नहीं है. जिन लोगों के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं वे कहीं न कहीं स्थिति को तनावपूर्ण बना सकते हैं.

चुँकि एनआरसी की लिस्ट से असम में आंतरिक समस्याएँ पनप सकती हैं, इसी प्रतिकूल परिस्थिति का मुल्यांकन करके सरकार ने यहाँ भारी मात्रा में सैन्य बल इकट्ठा कर रखा है.

आपको बता दें कि यह मामला नागरिकता से जुड़ा हुआ है, ऐसे में यदि सरकार को नागरिकों की पहचान के व्यापक सबूत नहीं मिले तो इन्हें देश निकाला दिया जा सकता है.

इन सभी गतिविधियों में ध्यान देने वाला पहलू यह है कि राष्ट्रिय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) में जिन लोगों का नाम दर्ज नहीं है, वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

किसी भी प्रकार के तनाव को बढ़ता देख केंद्र सरकार ने बड़े स्तर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं.  

क्या है NRC और असम में क्यों लागु है? 

देश में असम ऐसा राज्य है जहाँ NRC चलन में है. यह देश में लागु नागरिकता कानून से अलग है क्योंकि असम और केंद्र सरकार के साथ 1971 में  एक समझौता हुआ था.

 

 

 

 

 

 

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