‘माई’ बनी कोरोना वायरस को भगाने के लिए महिलाएं कर रही हैं पूजा अर्चना: बिहार

BY-AB TEAM

मिली जानकारी के मुताबिक बिहार राज्य के विभिन्न जिलों जैसे-सारण, मुजफ्फरपुर,वैशाली, गोपालगंज, नालंदा आदि से कोरोना वायरस को माई का दर्जा देकर उसे दूर भगाने का कार्य किया जा रहा है.

इसके लिए महिलाएं बकायदे पूजा करने की सम्पूर्ण सामग्री धुप-दिया, गुड़हल के फूल, अगरबत्ती, गुड़ और तिल, लड्डू आदि तैयारी के साथ ब्रह्मपुरा स्थित सर्वेश्वर मंदिर सहित

गोपालगंज के फुलवरिया घाट पर पहुँचकर अपनी आस्था समर्पित कर रही हैं ताकि इस संक्रमण की बीमारी से लोगों की रक्षा हो सके.

कोरोना माई के पूजा करने के विषय में जब महिलाओं से पूछा गया कि आखिर वे किस आधार पर इसे प्रारम्भ किया है तो उन्होंने बताया कि-

“उनके सपने में कोरोना देवी आई थीं और वे पूजा करने की आहुति माँग रही हैं. इसीलिए वे सब स्नान करने के बाद नदी घाट पर जाकर ऐसा कर रही हैं.”

हालाँकि इन महिलाओं के तर्कों का कोई ठोस आधार नहीं मिल सका है, यही वजह है कि अधिकतर लोगों ने इसे अंधविश्वास करार दिया है.

मसलन बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्रोफ़ेसर बीएन सिंह ने कहा है कि- जब भी हमारे ऊपर कोई मुसीबत आती है तो हम भगवान की शरण में चलें जाते हैं और यही आस्था ही अंधविश्वास का रूप ले लेती है.

जबकि मुजफ्फरपुर के पंडित विनय पाठक ने बताया कि- किसी भी धर्मग्रंथ में कोरोना माई की कोई चर्चा नहीं की गई है, यह सब पूर्णतः अंधविश्वास पर टिका हुआ प्रपंच है.

 

 

 

 

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