मिली सूचना के अनुसार इस बार बिहार में होने वाला विधानसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प होता नजर आ रहा है. इसकी मुख्य वजह यह है कि बिहार के वर्तमान
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा है कि-राजग सरकार के 15 वर्षों के कार्य काल के बाद अब राज्य में बिजली-सड़क-पानी जैसे मुद्दे हाशिए पर चले गए हैं,
और यदि विपक्षी दलों में हिम्मत है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाएं. आपको यहां बताते चलें कि सड़क निर्माण विभाग की 5024 करोड़ों रुपए की लागत से 217 योजनाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए सुशील मोदी ने यह बात रखी है.
उन्होंने कहा कि बिहार के विकास तथा उन्नति के लिए उनकी सरकार ने घर-घर बिजली, गांव से गांव को जोड़ने वाली सड़कें और स्वच्छ पीने का जल पहुंचा दिया है.
उपमुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के पहले के राजनीतिक दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि पिछली सरकारों में अलकतरा घोटाला हुआ जिसके कारण कई अभियंता जेल चले गये.
उस समय में सड़कें बनती कम थीं जबकि मरम्मत ज्यादा की जाती थीं. यातायात साधनों की समस्या बिहार के विकास में एक बड़ा रोड़ा थी.
यही वजह है कि ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ ने सबसे अधिक जोर पथ निर्माण पर दिया जिसके कारण बिहार में विकास की बयार चली.
सुशील कुमार मोदी ने बिहार में ई टेंडरिंग: वर्जन टू जल्दी ही लागू करने की योजना बताया. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बैंक गारंटी का ऑनलाइन सत्यापन,
अलग-अलग विभागों की जगह एकीकृत निबंधन एवं शीघ्रता से उपलब्ध होने वाला वित्त की सुविधा आसानी से मुहैया कराई जाए करा दी जाएगी.
केंद्र सरकार की तर्ज पर बिहार में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर पाकिस्तान और चीन की एजेंसियों को टेंडर में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी.
इसके पीछे मुख्य कारण भारत और चीन के बीच उपजा सीमा विवाद है जिसके कारण दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं और इसमें 20 भारतीय सैनिकों को अपनी शहादत देनी पड़ी.