BY-THE FIRE TEAM
देश में अस्पतालों का मरीजों तथा उनके तीमारदारों के साथ जो व्यवहार है वह बहुत ही असंतोषजनक और सोचनीय है. प्राप्त सूचना के मुताबिक इस संबंध में सर्वेक्षण करने वाली एक संस्था फिक्की ने बहुत ही चौंकाने वाले तथ्य उजागर किये हैं.
चुँकि अस्पतालों में जाने पर न तो मरीजों को ठीक ढंग से इलाज ही मिलता है और न ही डॉक्टर द्वारा सहयोगात्मक रवैया ही अपनाया जाता है. इसके अतिरिक्त मरीजों और उनके तीमारदारों को अनावश्यक परेशान किया जाता है,
बिना किसी ठोस कारण के ही उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रखा जाता है. फिक्की के माध्यम से री-इंजिनीरिंग इंडियन हेल्थ केयर 2. 0 रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.
BPL PATIENTS
फिक्की द्वारा उपलब्ध कराये गए इस रिपोर्ट की पुष्टि एनएसएसओ ने भी किया है. यह एक बड़ा विचारणीय मुद्दा है. जो सरकार आयुष्मान योजना को चलाकर वाहवही लूटने कर प्रयास रही है,
वह क्यों ऐसे लापरवाह अस्पतालों के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही करने के पक्ष में खड़ी होती नहीं दिख रही है. ? सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा तभी सार्थक
माना जायेगा जब समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे.