BY-THE FIRE TEAM
केंद्र सरकार ने किसानों के पक्ष में चलाई जा रही अनेक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए उनके हित में बड़ा फैसला लिया है. मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम-किसान सम्मान निधि और योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ देने के लिए सभी किसानों के भूमि रिकॉर्ड डेटा बेस जिसे राज्य सरकार ने मुहैया कराया है, को किसान विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करेगी.
इस संबंध में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभी सरकार इसको लेकर मुस्तैद है. किन्तु इस चुनौती से निपटने के बाद ही
वह राज्य सरकारों के सहयोग से किसानों को एक अहम पहचान सँख्या मुहैया करायेगी, जिसका लाभ किसानों को लक्षित करके जितनी भी योजनाएं केंद्र सरकार ने जारी की है, को मिलेगा.
इस योजना का लाभ देने के लिए पहले चरण में पीएम-किसान योजना के अन्तर्गत पंजीकृत दस करोड़ किसानों का बैंक एकाउंट नंबर, आधार नंबर, जोत बही का डेटा आदि सरकार के पास है, सर्वप्रथम इन्हीं को कवर करने की योजना बनाई गई है.
कौन है किसान?
राष्ट्रिय किसान नीति 2007 के अनुसार सरकार ने किसानों की परिभाषा भी गढ़ा है जिसके तहत उगाई गई फसलों की आर्थिक या आजीविका क्रियाकलाप में सक्रिय रूप से शामिल
तथा ऐसे व्यक्ति जिनके पास दो हेक्टर भूमि का मालिकाना हक है, ही किसानों की श्रेणी में आते हैं. इसके अतिरिक्त कृषि श्रमिक, बटाईदार, मुर्गीपालक, पशुपालक, मधुमकखी और रेशम पालक, कृषि वानिकी में संलिप्त किसान आदि भी कृषकों की सूची में गिने जायेंगे.