वर्णान्धता से ग्रसित लोगों को नहीं देना होगा मेडिकल परीक्षण, बनवा सकेंगे अपना ड्राइविंग लाइसेंस

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अंतिम अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि अब वैसे व्यक्ति जो सामान्य हलके और मध्यम रंग-दोष (कलर ब्लाइंडनेस) से पीड़ित हैं, उन्हें भी यह इजाजत है कि अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर गाड़ी चला सकते हैं.

आपको यहाँ बताते चलें कि यह आदेश देने से पहले मंत्रालय द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स) के नेत्र विशेषज्ञयों की टीम से सलाह ली गई थी. इन चिकित्स्कों के दल ने जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डीएल जारी

करने के मानकों के विषय में जानकारी इकठ्ठा किया तो इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सामान्य वर्णान्धता से ग्रसित व्यक्ति भी लाल और हरे रंग की ट्रैफिक लाइट के मध्य अंतर कर पाने में सक्षम है, हालाँकि यह गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है.

इस आदेश के बाद गाड़ी चलाने के लिए शौक़ीन लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि अब उन्हें किसी तरह के मेडिकल परीक्षण से नहीं गुजरना होगा किन्तु इतना जरूर है कि उनको मेडिकल के फॉर्म 1 ए में अपनी वर्णानधता संबंधी जानकारी भरनी होगी.

 

 

 

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!