BY-THE FIRE TEAM
सरकार की ‘किसान विरोधी’ नीतियों के विरोध में हजारों किसानों के विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद मंगलवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस द्वारा पर्याप्त संसाधन मुहैया न कराने के परिणामस्वरूप ग्रामीण संकट पैदा हुआ है,
जबकि राजग इस कमी को दूर कर रहा है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा उठाए गए कदमों की तुलना करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा,
“यह कांग्रेस द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए गए संसाधनों की अपर्याप्तता थी, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि संकट और जीवन की अपर्याप्त गुणवत्ता दोनों को जन्म दिया।”
The UPA government led by Congress party pumped inadequate resources into the agricultural sector that had led to both an agrarian distress & an inadequate quality of life in the rural areas. Since 26th May, 2014 the NDA govt. has been trying its best to mitigate this distress.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 4, 2018
उन्होंने बताया, “कृषि संकट को दूर करना और ग्रामीण इलाकों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार सिर्फ नारे से नहीं किया जा सकता है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जेटली ने कहा कि-
1971 से ही कांग्रेस की नीति नारे लगाना रही, और संसाधन नहीं लगाए गए। राजग ने ग्रामीण इलाकों में संसाधनों को लगाया है। जबकि राजग ने ग्रामीण इलाकों में संसाधनों को लगाया है।”
वर्तमान सरकार के प्रयासों से इन संसाधनों ने बुनियादी ढांचे, गांवों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है, कृषि उत्पादकता बढ़ाई है और इसका लक्ष्य,
किसानों को केवल सरकारी एजेंसियों पर निर्भर होने के बजाय उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाभकारी मूल्य देना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
के 2014 में पद संभालने से पहले 3.8 लाख किलोमीटर नियमित सड़कें थीं। साल 2018 के नवंबर तक यह आंकड़ा 1.7 लाख किलोमीटर की वृद्धि के साथ 5.7 लाख किमी तक पहुंच गया, जबकि ग्रामीण इलाकों में निवेश में तीन गुना वृद्धि हुई है।
In 2017, the Ujjwala Yojana to provide cooking gas connection to poor households was launched. In just over one and a half years, 5.8 crore households have already been provided with cooking gas connections. This figure is likely to touch 8 crore by 31/03/2019.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 4, 2018
2013-14 तक, 17.47 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग 70 फीसदी घरों में स्वतंत्रता के बाद 67 वर्षों के दौरान बिजली पहुंचाई गई। लेकिन 2018 के नवंबर तक 16.53 लाख परिवारों, या 95 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंचा दी गई है।
ग्रामीण आवास पर, उन्होंने कहा कि संप्रग ने अपने अंतिम वर्ष में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए करीब 10 लाख घर बनाए हैं, जबकि वर्तमान में यह ढाई गुना बढ़ा है और 45 लाख घरों का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने कहा, “साल 2022 तक, प्रत्येक ग्रामीण भारतीय के पास खुद का नियमित घर होगा।”
उन्होंने कहा कि साल 2014 के अक्टूबर में स्वच्छ भारत योजना के लांच होने के बाद, ग्रामीण परिवारों में स्वच्छता कवरेज 38.7 फीसदी से बढ़कर 96.72 फीसदी हो गया है।
इसके अलावा, साल 2018 के नवंबर तक 33.3 करोड़ जन-धन खाते खोले गए थे, जो लगभग हर व्यक्ति को बैंकों से जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत, डेढ़ सालों में 5.8 करोड़ परिवारों को खाना पकाने के लिए गैस कनेक्शन मुहैया कराए गए और 2019 के मार्च तक इसे आठ करोड़ परिवारों तक पहुंचा दिया गया।
इसके अलावा 13 करोड़ परिवारों को मुद्रा ऋण दिया गया है, जिसमें 54 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य देखभाल पर, जेटली ने कहा कि-
गरीबों, खासतौर पर ग्रामीण गरीबों के पास संप्रग सरकार के दौरान चिकित्सा सुविधाएं पर्याप्त रूप में उपलब्ध नहीं थीं, जबकि राजग के आयुष्मान भारत योजना के तहत
आज 10 करोड़ सबसे गरीब परिवारों को कवरेज दिया जा रहा है, जो भारत की आबादी का लगभग 40 फीसदी है। इसमें सालाना पांच लाख रुपये का कवरेज मिलता है।
उन्होंने कहा, “योजना के शुरू होने के बाद पिछले दो महीनों में लगभग 3.8 लाख लोगों को इसका फायदा मिला है।”
किसानों की आय पर, उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों और उनकी आय की उत्पादकता बढ़ाने के लिए पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन पर अपना खर्च बढ़ाया है।