सीपीसीबी प्रदूषण-रोधी उपकरण को लेकर हुआ सख्त, तेल कंपनियों को भेजा नोटिस


BY-THE FIRE TEAM


प्राप्त सुचना के अनुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सोमवार को विभिन्न तेल कंपनियों से अपने पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण-रोधी उपकरण नहीं लगाने पर स्पष्टीकरण मांगा है.

वाष्प अवशोषण उपकरण पेट्रोल या डीजल भरने के दौरान वाहन के ईंधन टैंक के अंदर से निकलने वाली वाष्प को अवशोषित (सोखने) करने वाला उपकरण होता है.

सीपीसीबी ने इन तेल कंपनियों को नोटिस जारी कर 24 घंटों के भीतर उनसे जवाब माँगा है. प्रदूषण से निपटने के उपाय के क्रियान्वयन की जांच के लिए सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर में टीमों को तैनात किया है.

इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा था कि स्वच्छ हवा अभियान के तहत दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर अंकुश के लिए उठाये गये कदमों के निगरानी के तहत तैनात टीमों ने,

रविवार को एक ही दिन में उल्लंघनकर्ताओं पर 83 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया. पर्यावरण प्रदुषण के सम्बन्ध में सबसे अधिक शिकायतें अवैध निर्माण और तोड़-फोड़ गतिविधियों से जुड़ी थीं.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने प्रदूषण गतिविधियों की निगरानी, उसकी रिपोर्टिंग तथा उस पर त्वरित कार्रवाई के लिए एक से दस नवंबर तक के लिए सघन ‘स्वच्छ हवा अभियान’ चलाया है.

ये टीमें दिल्ली तथा फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा के विभिन्न हिस्सों में जा रही हैं. सीपीसीबी ने बताया था कि 368 शिकायतों के आधार पर रविवार को ही राष्ट्रीय राजधानी में 52 टीमों ने कुल 83,55,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

आज पर्यावरण प्रदुषण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है इसके कारण न केवल लोगों को अनेक तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ जकड़ रही हैं बल्कि उनकी जीवन प्रत्याशा भी प्रभावित हो रही है.

निश्चित तौर पर इस चुनौती को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. हमें अपने ग्रीन प्लेनेट को हर परिस्थिति से बचाना होगा अन्यथा हमारा सारा विकास बेमानी सिद्ध हो जायेगा.

एक बात हमें कभी नहीं भूलना चाहिए की पर्यावरण प्रदुषण को दूर करने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है बल्कि सभी नागरिकों को इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी भागीदारी निभानी होगी.

 

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