मार्च में फिर नोटबंदी जैसे हालात, एटीएम के आगे लग सकती हैं लंबी-लंबी लाइनें


BY-THE FIRE TEAM


साल 2016 में 8 नवंबर को किए गए  नोटबंदी  के फैसले की यादें अभी पूरी तरह से मिटी नही हैं. बैंकों में पुराने नोट लिए और जरूरत के लिए करेंसी निकालने के लिए लंबी- लंबी लाइनों को लोग याद करते ही डर जाते हैं.

करीब 50 दिन तक पूरे देश में ऐसी ही हालत थे. हालांकि केंद्र सरकार यह दावा करती रही है कि इस फैसले के पीछे कालाधन और भ्रष्टाचार मिटाने की कवायद है.

हालांकि अभी तक यह बहस का मुद्दा है कि इससे से क्या फायदा हुआ है. वहीं अगर आपसे कोई कहे कि नोटबंदी फिर आने वाली है तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ?

दरअसल उद्योग संगठन कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (कैटमी) ने हाल ही में आगाह किया है कि मार्च, 2019 तक देश के आधे एटीएम बंद हो सकते हैं.

इस पर अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताते हुए कहा कि अगर मार्च, 2019 तक देश के आधे एटीएम बंद होते हैं तो देश में नकदी की कमी, बैंकों में लंबी-लंबी कतारें और एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात बन सकते हैं.

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लिबरल स्टडीज, अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर और अर्थशास्त्री अमित बसोले ने बेंगलुरू से आईएएनएस को ई-मेल के माध्यम से बताया,

“जी हां, अगर मार्च 2019 तक देश के आधे एटीएम बंद होते हैं तो देश में नकदी की कमी, बैंकों में लंबी-लंबी कतारें और एक बार फिर नोटबंदी जैसी समान स्थिति उत्पन्न होगी.’

कैटमी ने बीते बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के साथ ही नकदी प्रबंधन योजनाओं के हालिया मानकों के चलते मार्च 2019 तक संचालन के अभाव में 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे.

इतनी बड़ी संख्या में एटीएम मशीनों के बंद होने के पीछे की वजह के सवाल पर अर्थशास्त्री अमित बसोले ने कहा,

“अगर वे मशीनों में आवश्यक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपग्रेड नहीं करते हैं तो एटीएम को बंद करने की आवश्यकता हो सकती है.

एटीएम उद्योग के लोग कह रहे हैं कि इसमें समय सीमा के भीतर यह परिवर्तन करना संभव नहीं हैं, इसलिए यह अपेक्षित रूप से बंद होंगे.”

कैटमी के मुताबिक, भारत में इस समय तकरीबन 2.38 लाख एटीएम मशीनें हैं. सर्विस प्रोवाइडरों को देश के करीब 1.13 लाख एटीएम को बंद करने को मजबूर होना पड़ा सकता है. इनमें से एक लाख ऑफ-साइट और 15,000 से ज्यादा वाइट लेबल एटीएम हैं.

जिन इलाकों में केवल एक या दो एटीएम मशीनें हैं और लोगों को पैसे मिलने में कठिनाई होती है उन जगहों पर एटीएम मशीन की संख्या बढ़ाने के बजाय इनको बंद करना क्या सही निर्णय होगा ?

इस पर अमित बसोले ने कहा, “एटीएम मशीनों को बंद करना सही निर्णय नहीं है. इनको आवश्यक रूप से अपग्रेड करना सही काम है.

लेकिन एटीएम उद्योग का दावा है कि वे ऐसा करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं. हालांकि मेरे पास इन दावों के विवरण की पर्याप्त जानकारी फिलहाल नहीं है.

” इंडस्ट्री बॉडी ने एक बयान में कहा है कि एटीएम मशीनों के बंद होने से हजारों नौकरियों और सरकार के वित्तीय समावेशन के प्रयासों पर भी असर पड़ेगा.

 

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