श्रद्धालु प्रयागराज के किले में बंद अक्षयवट का कर सकेंगे दर्शन: पीएम मोदी


BY-THE FIRE TEAM


अपने प्रयागराज दौरे पर नरेंद्र मोदी ने यहाँ बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इस बार सभी श्रद्धालु अक्षयवट के दर्शन कर सकेंगे.

कई पीढ़ियों से ये अक्षयवट किले में बंद था, लेकिन इस बार यहां आने वाला हर श्रद्धालु स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा.

पीएम ने कहा कि प्रयागराज तप, तपस्या, संस्कृति, संस्कार की धरती है. सरकार ने कुंभ के दौरान कनेक्टिवटी से लेकर यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया है.

कुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे मंत्रालय इस बार भी अनेक नई ट्रेनें चलाने जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि इस बार अर्धकुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव दुनियाभर के लोगों को मिल सके.

अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी कितनी भव्य और बेजोड़ हो सकती है, इसका अनुभव लेकर लोग यहां से जाएं, इसकी कोशिश की जा रही है.

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पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि अब श्रद्धालु अक्षयवट के दर्शन कर सकेंगे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है उसमें गंगाजी की सफाई और यहां के घाटों के सुंदरीकरण से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं.

1700 करोड़ रुपए की लागत से बने सीवेज-ट्रीटमेंट प्लांट्स से शहर के करीब एक दर्जन नालों को सीधे गंगा जी में बहने से रोका जा सकेगा.

वहीं नमामि-गंगे परियोजना में करीब 150 घाटों का सौंदर्यीकरण किया जाना है. इसमें से करीब 50 घाटों का काम पूरा हो गया है.

केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि ये आयोजन दर्शनीय, दार्शनिक और दिव्य बने.

पीएम ने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि यहां भारत के गौरवशाली अतीत के दर्शन और वैभवशाली भविष्य की झलक दुनिया को दिखने को मिले.

पीएम ने कहा कि कुंभ का पर्व भारत और भारतीयता का सबसे बड़ा प्रमाण है. ये पर्व भाषा, भूषा और भिन्नता को खत्म कर एक होने की प्रेरणा देता है.

ये पर्व हमें जोड़ता है, ये पर्व गांव और शहर को एक करता है, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की सही तस्वीर यहां दिखती है. देश पर सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाली पार्टी ने

हमेशा ही खुद को हर कानून, न्याय-पालिका, संस्था और यहां तक कि देश से भी ऊपर माना है. देश की हर उस संस्था को इस पार्टी ने बर्बाद कर दिया जो उसकी मर्जी से नहीं चली,

उसके इशारों पर काम करने, झुकने को तैयार नहीं हुई. इसी मनमानी की वजह से हमारे देश की न्याय प्रणाली को भी कमजोर करने का प्रयास किया गया.

इसका सिर्फ एक कारण था कि न्याय-पालिका उन संस्थाओँ में से एक रही है जो इस पार्टी के भ्रष्ट और निरंकुश तरीकों के खिलाफ खड़ी रहती है.

पीएम ने कहा कि इस बात को प्रयागराज और यूपी के लोगों से बेहतर कौन जान सकता है कि कांग्रेस को न्याय-पालिका क्यों पसंद नहीं है ?

यूपी के लोग वो दिन याद करें जब इस पार्टी की सर्वोच्च नेता द्वारा यहां जनमत को अपमानित करने काम किया गया था ? क्या ये लोकतंत्र का अपमान नहीं था.

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