ब्रह्मोस की जानकारी पाकिस्तान को लीक करने के आरोप में यूपी एटीएस ने डीआरडीओ इंजीनियर को किया गिरफ्तार

BY-THE FIRE TEAM

उत्तर प्रदेश ATS ने सोमवार को नागपुर से एक DRDO इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ़्तार किया है. निशांत पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को देने का आरोप है.

बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी भारत की अति महत्वपूर्ण ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारी पाकिस्तान और अमेरिका को दे रहा था. महाराष्ट्र में नागपुर स्थित वर्धा रोड पर बनी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट में कार्यरत निशांत अग्रवाल को यूपी ATS तथा महाराष्ट्र ATS ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया है.

इस खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस और अन्य एजेंसियों ने तड़के छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया. सूत्र ने कहा कि उसपर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.

यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि गिरफ्तार शख्‍स के कंप्‍यूटर से बेहद संवेदनशील जानकारी हासिल हुई है. हमें उसके फेसबुक चैट से भी जानकारी मिली है कि वो पाकिस्‍तान आधारित आईडी से चैट किया करता था.

प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, वह कथित रूप से कुछ विशेष और गुप्त जानकारी पाकिस्तान और अन्य देशों को दे रहा था. मामले की जांच की जा रही है.

इस सम्बन्ध में आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के एटीएस के एक संयुक्त अभियान में ब्राह्मोस के वर्धा रोड केंद्र से निशांत अग्रवाल को गिर‍फ्तार किया गया.

निशांत के मकान मालिक मनोहर काले ने बताया कि यह इंजीनियर वर्धा रोड पर पिछले वर्ष से किराये के मकान में रह रहा था. काले ने बताया कि पुलिस टीम सुबह साढ़े पांच बजे इमारत में पहुंची और शाम पांच बजे तक वहां रही.

उन्होंने बताया कि अग्रवाल रुड़की का रहने वाला था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी.उन्होंने कहा, ‘वह यहां पत्नी के साथ रह रहा था और उसने यहां आने पर मुझे अपने आधार कार्ड की प्रति और अपने नियोक्ता का एक प्रमाणपत्र दिया था.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के ‘मिलिट्री इन्डस्ट्रीयल कंसोर्टियम’ (एनपीओ मशिनोस्त्रोयेनिया) के बीच संयुक्त उद्यम के रूप में किया गया है. इस मिसाइल का नामकरण रूस की मॉस्क्वा तथा भारत की ब्रह्मपुत्र नदी के नाम पर किया हुआ है.

भारत और रूस के बीच 12 फरवरी, 1998 को हुए एक अंतर-सरकारी समझौते के माध्यम से यह कंपनी स्थापित की गई थी.

क्या है – डी आर डी ओ ?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन( डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है.

यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है. इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी.

वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं. पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं.

वर्तमान में यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र  इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं.

 

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