- प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति थे, बहुमुखी प्रतिभा के धनी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में देश के वित्त मंत्री बने थे
- 31 अगस्त से 6 सितंबर तक सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की गई है
विगत कुछ दिनों से बीमार चल रहे भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का निधन हो गया है. इसकी पुष्टि उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने किया है.
नहीं रहे भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी #PranabMukherjee pic.twitter.com/7uOS6uINu1
— BBC News Hindi (@BBCHindi) August 31, 2020
ऐसा बताया जा रहा है कि प्रणव मुखर्जी फेफड़ों में संक्रमण की वजह से लंबे दिनों से बीमार ग्रस्त थे और इनका इलाज दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में चल रहा था.
उनके निधन की सूचना पाकर प्रधानमंत्री सहित दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है. नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि- “प्रणब मुखर्जी के निधन से पूरे देश में शोक है, उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह राजनीतिक स्पेक्ट्रम के पार समाज के सभी वर्गों द्वारा सराहे गए थे.”
India grieves the passing away of Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee. He has left an indelible mark on the development trajectory of our nation. A scholar par excellence, a towering statesman, he was admired across the political spectrum and by all sections of society. pic.twitter.com/gz6rwQbxi6
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020
आपको यहां बताते चलें कि प्रणव मुखर्जी यूपीए और कांग्रेस पार्टी में प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार थे इसीलिए इन्हें ‘पीएम इन वेटिंग’ भी कहा जाता था.
किंतु उनके भाग्य ने उन्हें लोक कल्याण मार्ग के स्थान पर (सेवन रेस कोर्स) ‘राष्ट्रपति भवन’ पहुंचा दिया. उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘द कोलिशन ईयर्स 1996- 2012′ में उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया था.