BY-THE FIRE TEAM
केंद्र सरकार ने जिस मजबूती के साथ स्टैंड लेते हुए कश्मीर राज्य से धारा 370 और 35 (A) को समाप्त करके जो प्रतिबद्धता दिखाई है वह काबिले तारीफ है.
किन्तु इन सबमें लोगों के बीच काफी रोष और गुस्सा भी व्याप्त है जिसको प्रदर्शित करने के लिए श्रीनगर से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतरमंतर तक धरना दिया जा रहा है.
इन सबका यही कहना है कि जिस प्रणाली को अपनाकर गृहमंत्री ने कश्मीर राज्य से उसका विशेष राज्य का दर्जा छिना है, वह असंवैधानिक है, तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के प्रतिकूल है.
जब मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो उसमें पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन भी शामिल है।
पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और अक्साई चीन भारत के अभिन्न अंग हैं और हम इसके लिए जान भी दे देंगे- @AmitShah pic.twitter.com/KTwrhyBkAO
— Office of Amit Shah (@AmitShahOffice) August 6, 2019
फिर भी केंद्र सरकार सबको अनसुना करके यह कहते हुए आगे बढ़ रही है कि यहाँ से आतंकवाद को मिटाना बेहद जरूरी है.
सम्भवतः इसी का परिणाम है कि केंद्र से इतनी भारी संख्या में अर्धसैनिक बल बुलाये गए हैं. सम्पूर्ण कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सरकार ने अपना रोडमैप बना लिया है और अलगाववाद के खात्मे का भी इंतजाम सरकार द्वारा किया गया है.
इस पर बकरीद के बाद सख्त कदम उठाया जायेगा, मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के आर्थिक, सामाजिक तथा राजनैतिक विकास के लिए सरकार ने जो ढांचा बनाया है,
उसमे बड़ी बाधा अलगाववाद है जिसको दूर करने के लिए बीजेपी सरकार कटिबद्ध है. ऐसा बताया जाता है कि घाटी में युवाओं को भटकाने का काम इन अलगाववादियों ने ही किया है,
उनको धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा कर दिग्भर्मित कर दिया गया है जिनको अब सरकार ने मुख्य धारा में लाने के लिए कई आधारभूत बदलाव अपनी नीतियों में करेगी.
सरकार ने आतंकियों खिलाफ कार्यवाही को जारी रखते हुए घाटी में छिपे पाकिस्तानियों की शिनाख्त करके उनको नष्ट किया जायेगा तथा भारत पाक सीमा को बंद (सील) करके उनके घुसपैठ को भी रोका जायेगा.