BY-THE FIRE TEAM
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में कथित रूप से हुए बलात्कार के बाद यहाँ हिंसा का माहौल बन चूका है. इसके कारण यू पी ,बिहार के लोगों का पलायन होना शुरू हो गया है.
यह घटना अत्यंत दुर्भाग्य पूर्ण है कि जिस राज्य में सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित करके एकता की बात की जा रही हो वहीं दूसरी तरफ देश के दूसरे राज्य के लोगों पर हमले हो रहे हैं, इससे जो संदेश पूरे देश में गया है उस पर विचार करना चाहिए.
दरअसल सरदार पटेल एकता और अखंडता के हिमायती थे और गुजरात में इस तरह की घटना का होना दुखद है.
समाजशास्त्री डॉक्टर गौरांग जानी का कहना है, “राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में यूपी-बिहार के लोगों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है. अहमदाबाद में एक समय 80 से ज़्यादा कपड़े के मिल हुआ करते थे और इन मिलों में दूसरे राज्यों के लोग काम करते थे.
अहमदाबाद में जब ये मिल बंद हुए तब सूरत में पावरलूम उद्योग शुरू हुआ और इन कारखानों में दूसरे राज्य के लोगों का अहम योगदान रहा है. इस तरह की घटना से राज्य की सामाजिक समरसता पर दाग लगा है.”
समाजशास्त्रियों का मानना है कि राज्य की स्थापना से लेकर अब तक राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में यूपी-बिहार के लोगों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जबकि इस सम्बन्ध में स्थिति तब और और भयावह हो जाती है जब राजनेताओं को समस्या हल तलाशने की जरूरत है, वे एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं.
गुजरात में रहने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हमले हो रहे हैं. इस बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से बात की और घटना पर चिंता व्यक्त की है.
CM #NitishKumar on Monday told reporters that he spoke to his Gujarat counterpart Vijay Rupani on Sunday on violence against migrants from Uttar Pradesh and Bihar after a rape case in Sabarkantha.https://t.co/FellJzRo4R
— Newsroompost (@NewsroomPostCom) October 8, 2018
बिहार के ही एक बाहुबली नेता नेता पप्पू यादव ने कहा कि यदि बिहारी लोगों पर हमले नहीं रोके गए तो वो खुद गुजरात जायेंगे. जबकि राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस मुद्दे पर कहा है कि जो भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
If the Congress President is against the violence in Gujarat, he needs to take action against its own members who incited violence against the migrants in Gujarat.
Tweeting is not the solution, taking action is! But will he act?— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) October 8, 2018
यूपी-बिहार के लोगों पर हमला करने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई में इस घटना को लेकर 57 केस दर्ज किए गए हैं और कम से कम 361 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं.
हिंदी विकास मंचके संस्थापक जीतेंद्र राय गुजरात में दशकों से रह रहे हैं. उनका कहना है कि ये मुद्दा अब राजनीतिक हो चला है जिसके निशाने पर उत्तर भारतीय हैं.
उन्होंने कहा यह घटना राजनीती से प्रेरित हैं क्योंकि , “देश के हिंदी भाषी राज्यों में चुनाव होने हैं और इन हमलों से शायद ये संदेश देने की कोशिश हो रही है कि गुजरात में हिंदी भाषी सुरक्षित नहीं हैं.”
“गुजरात में दूसरे राज्यों के लोगों के साथ ग़लत व्यवहार कभी भी नहीं हुआ है. मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे को लेकर कोई भी इंसान ज़्यादा समय तक राजनीति कर पाएगा.”
इस घटना के कारण दहशत का माहौल है और सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज इस माहौल में घी डालने का काम कर रहे हैं. इसी डर के माहौल में अपनी सुरक्षा के लिए बिहार-यूपी के लोग राज्य छोड़ कर अपने घर वापस लौट रहे हैं.
वे कहते हैं कि हर समाज में असामाजिक तत्व होते हैं, एक व्यक्ति के कारण पूरे समाज को दंडित करना न्यायोचित नहीं है.
अतः जरूरत इस बात की है कि समस्या का बेहतर समाधान तलाश किया जाये जिससे माहौल शांतिपूर्ण बने.