BY-THE FIRE TEAM
देश का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता विभाग जो सरकार की नीतियों एवं योजनाओं को जनता से रूबरू कराने का कार्य करता है आज उसी के पैरोकार अपनी सुरक्षा और सहायता को लेकर असमंजस में हैं.
आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2016 में पत्रकारों की सुरक्षा और सहायता को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर 1880-1800-303 जारी किया था,
@yadavakhilesh जी ये है आपकी MEDIAHELPLINE का हाल, शिकायतें-131, प्रोग्रेस-16, निस्तारित-22, शेष-93 @HamaraAkhilesh pic.twitter.com/0gvK8iLmZ9
— LNV इंडिया न्यूज (@IndiaLNV) February 23, 2016
और इस तरह की व्यवस्था करने में उत्तर प्रदेश पहला राज्य था. इस सुविधा को लागु करने का जिम्मा ‘सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग’ को सौंपा गया था. किन्तु विचारणीय पहलू यह है कि-
उत्तरप्रदेश में शुरू हुई देश की पहली 'मीडिया-हेल्पलाइन', तुरंत मदद का वादाhttps://t.co/rN31sekP8A #mediahelpline pic.twitter.com/T8facU0nJj
— RTI News (@rtinewsonline) January 25, 2016
अभी तक कितने पत्रकारों को इसके माध्यम से मदद दी गई इसका कोई आँकड़ा इस विभाग के पास नहीं है. आज वर्तमान दौर में पत्रकारों पर जब चहुँओर हमले हो रहे हैं, उनको मारे-पीटे जाने की घटना हो रही है,
ऐसे में इस संस्था के विरुद्ध प्रश्न उठने लाजिमी लगते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब अनेक पत्रकारों से इसके विषय में पूछा गया तो किसी ने भी इस संस्था से लाभ लेने के विषय में संतोषजनक उत्तर नहीं दिए.
सहायता तो दूर की कौड़ी है, यह नंबर कभी लगता ही नहीं है. यह कहीं न कहीं वर्तमान सरकार की लापरवाही तथा उपेक्षा को दर्शा रहा है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि- ‘जनहित में कोई भी योजना चला पाने में यह सरकार विफल है. वास्तव में अब लोकतंत्र रहा ही नहीं.’
हमने पत्रकारों को सहायता देने के लिए यह सेवा शुरू किया था किन्तु यह सरकार तो पत्रकारों को ही हड़का रही है.