हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया है कि देश का पहला बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पशुपालन अधिकारियों और गौ सदन संचालकों से वार्ता किया तथा उनके सुझाव भी लिए.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जयराम ने बताया कि यदि प्रदेश प्लास्टिक मुक्त हो सकता है तो बेसहारा पशु मुक्त प्रदेश क्यों नहीं बन सकता? आपको यहां बताते चलें कि ऐसे पशु जो सड़कों पर बेसहारा होकर इधर-उधर घूमते रहते हैं
तथा आये दिन किसी न किसी दुर्घटना के शिकार होकर अपनी जान गवां देते हैं उसको रोकने के लिए अब ऐसे पशुओं की पहचान करके हिमाचल इनकी टैगिंग करेगा.
इसके तहत आधार नंबर की तर्ज पर इन पशुओं को 12 अंकों का एक नंबर जारी किया जाएगा जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बेसहारा पशुओं की जीवन-मृत्यु की वास्तविक संख्या का पता लग पाएगा
तथा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जैसे गौ सदन, गौशाला अभयारण्य बनाने तथा पशुओं की उत्पादकता और स्वास्थ्य नेटवर्क को स्थापित करने में मदद मिल सकेगी.
Himachal Pradesh CM Jai Ram Thakur launches ‘assistance to 'Gaushala/cow sanctuary scheme’#GaushalaScheme #HimachalPradesh #JaiRamThakur #CowSanctuarySchemehttps://t.co/2mH9GsqRpO
— LatestLY (@latestly) August 3, 2020
इन बेसहारा पशुओं की सुरक्षा तथा उनकी नस्ल सुधारने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का दूसरा चरण प्रारंभ हो चुका है, इस को सफल बनाने के लिए
मवेशियों की नस्ल सुधारने के उद्देश्य से कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान की जाएगी तथा किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए एक सशक्त प्लेटफार्म भी तैयार करने में मदद मिलेगी.
इसके अतिरिक्त सरकार ऐसी योजना भी संचालित कर रही है जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति बेसहारा गायों को सहारा देता है तो उसे हर महीने ₹500 की आर्थिक मदद दी जाएगी.
इस तरह की सरकार की तरफ से की गयी घोषणाएं लोगों में पशुओं के प्रति लगाव का भाव उत्पन्न करेगा जिससे पशुधन समृद्धि की ओर बढ़ेगा ऐसी उम्मीद जताई जा सकती है.