प्राप्त सूचना के अनुसार बंगलुरु के चर्चित आईएमए (आई मॉनेटरी एडवाइजरी) पोंजी घोटाले में आरोपी आईएएस अधिकारी विजय शंकर पहले तो पकड़े जाने पर निलंबित कर दिए गए किन्तु बाद में जमानत पर रिहा किये गए यद्यपि जाँच चल रही थी.
आपको बता दें कि सम्पूर्ण घोटाले में विजय शकंर पर घूस खाने का इल्जाम लगा था जिसके लिए उन्हें निलंबित करने के साथ जेल भेज दिया गया था.
सम्पूर्ण घोटाले की जांच के लिए न केवल एसआईटी गठित की गई बल्कि इस करोड़ों रूपये के घोटाले का पर्दाफाश करने के उद्देश्य से सीबीआई को भी इन्वॉल्व करते हुए जाँच का आदेश दिया गया.
#BIGNEWS: Body of IAS officer BM Vijay Shankar, accused in #IMA multi-crore scam found hanging at his residence in #Bengaluru. The deceased who was arrested and jailed in the case had served as deputy commissioner of #BengaluruUrban pic.twitter.com/TweNbb43rf
— News9 (@News9Tweets) June 23, 2020
क्या था आईएमए घोटाला:
दरअसल आईएमए फाइनेन्शियल फ्रॉड स्कैम था जिसके अंदर करोड़ों रूपये की हेरफेर की गई. यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी थी जिसमें निवेशक गोल्ड के रूप में निवेश करके व्यापार करते थे.
जब 5 से 9 जून, 2019 के बीच में इसके कार्यालय को बंद पाया गया तब निवेशकों ने 10 जून को अपने पैसे वापस करने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे.
किन्तु मामला उस समय बिगड़ गया जब कंपनी के मालिक मंसूर खान का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह बता रहा था कि नेताओं और नौकरशाहों द्वारा अत्यधिक परेशान किए जाने से तंग आकर मै आत्महत्या कर रहा हूँ.