BY-THE FIRE TEAM
मिली सुचना के अनुसार देश के वैज्ञानिकों ने विज्ञानं और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इसरो ने आज भारत का सबसे भारी भरकम जीसैट-11 उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉच कर दिया है।
इसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजंसी एरियानेस्पेस-5 रॉकेट द्वारा फ्रेंच गुआना से प्रक्षेपित किया गया। यह काफी उच्च प्रवाह क्षमता वाला उपग्रह है जो इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने में काफी मदद करेगा।
इस भारी भरकम उपग्रह का कुल वजहन 5854 किलोग्राम है तथा इसे 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा।
Update #2#ISROMissions#GSAT11#Ariane5
Good Morning India! The heaviest, largest and most-advanced high throughput communication satellite of India, GSAT-11 was launched successfully from Kourou Launch Zone today onboard Ariane 5 VA246 launch vehicle. @PMOIndia@Arianespace pic.twitter.com/mxEdhar78w
— ISRO (@isro) December 5, 2018
इस सम्बन्ध में वैज्ञानिकों ने बताया है कि- इस उपग्रह का कार्यकाल 15 साल से अधिक होगा। इसके निर्माण में कुल 500 करोड़ रुपए की लागत आई है। विशिष्ट संकेतों को ग्रहण करने वाला यंत्र ट्रांसपॉडर इसमे लगा है, इसकी कुल संख्या 40 है।
इसकी मदद से इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी, जिसका प्रयोग सूचना एवं तकनीकी के क्षेत्र में किया जा सकता है। इसकी मदद से ई गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा और ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी।
#Isro ने अब तक के सबसे बड़े और वजनी सैटलाइट #GSAT11 का फ्रेंच गुयाना से किया सफल प्रक्षेपण, जीसैट11 से देश के अंदरूनी इलाकों तक पहुंचेंगी तेज़ स्पीड में इंटरनेट और डेटा की सुविधाएं pic.twitter.com/EfRtRAiptx
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) December 5, 2018
गौरतलब है कि देश में इंटरनेट के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए चार उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना है, इनमे जीसैट 1-9 व जीसैट 29 को पहले ही प्रक्षेपित किया जा चुका है।
जीसैट 11, को 5 दिसंबर को रात 2.07 बजे से 3.23 बजे के बीच लॉच किया गया है। जबकि जीसैट 20 को अगले वर्ष प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसरो अध्यक्ष शिवन ने बताया कि 2019 से देशभर में 100 से अधिक गीगाबाइट ब्रॉडबैंड कनेक्टिवी मुहैया करेगा।
इसरो के विषय में कुछ तथ्य :
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ( Indian Space Research Organisation, ) भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरू( कर्नाटक )में है।
संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिये अंतरिक्ष संबधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अन्तरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास शामिल है।
इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया।