नवीन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लागु किये गए नए डोमिसाइल कानून, विरोध का स्वर भी उभरा


BY-THE FIRE TEAM


  • एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है वहीं दूसरी ओर भारत ने जम्मू कश्मीर राज्य में डोमिसाइल के मानकों को जारी कर दिया है जिसका कई जगह से विरोध हो रहा है.

मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर राज्य से धारा 370 और अनुच्छेद 35(ए) को हटा दिया है जिसके कारण उससे ‘विशेष राज्य’ का दर्जा समाप्त हो गया.

और उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्थापित किया गया. वर्तमान में यह केंद्र शासित प्रदेश नए अधिवास नियमों के लागु किये जाने के कारण पुनः सुर्ख़ियों में आ गया है.

डोमिसाइल कानून के संबन्ध में केंद्र सरकार ने बताया है कि- “जम्मू-कश्मीर राज्य में जो व्यक्ति विगत 15 वर्षों से रह रहा है उसे ही यहाँ का नागरिक माना जायेगा. इसके अतिरिक्त जो छात्र पिछले सात वर्षों तक यहाँ के स्कूलों में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की पढाई करके परीक्षा पास किये हैं उन्हें भी यहाँ की नागरिकता दी जाएगी.”

सरकार द्व्रारा जारी किये गए इस नवीन कानून से यह स्पष्ट हो गया है कि अब देश के विभिन्न हिस्से में रहने वाले लोग यहाँ आसानी से सरकारी नौकरी पाकर अपना स्थाई घर भी बना सकते हैं.

हालाँकि सरकार के इस फैसले पर नेशनल कॉनफेरेन्स के नेता उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि- कोरोना जैसी आपदा की स्थिति के समय में जब संरक्षण और बचाव का कार्य करना चाहिए था, उसकी जगह यह कानून लाना पहले से लगी चोट को और गंभीर चोट करने जैसा है.

उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार के पास डोमिसाइल जैसा कानून लाने का समय है किन्तु पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की रिहाई पर विचार करने का नहीं है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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