जामिया मिलिया इस्लामिया की शोहरत को और बुलंदियों तक स्थापित करने के लिए इस यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति स्वर्गीय मुशीरुल हसन की पत्नी जोया हसन ने डेढ़ करोड़ रुपए दान में दिए हैं.
यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिली सूचना के मुताबिक इस धनराशि का उपयोग मुशीरुल हसन अक्षय निधि के गठन करने में किया जाएगा जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को फैलोशिप और स्कॉलरशिप देकर उनकी टैलेंट को परवाज देने में मदद मिल सके.
साथ ही इस निधि का उपयोग वार्षिक सेमिनार कराने तथा इतिहास से जुड़े किसी मौजूदा थीम, समाज और भारतीय राजनीति पर बहस और चर्चा कराने के लिए भी किया जाएगा ताकि नए नए-नए विचार और नई सोच मिल सके.
इसके अतिरिक्त वार्षिक मुशीरुल हसन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप भी तय की गई है जो 2 सेमेस्टर या 9 महीने के लिए होगा. यह पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप मानविकी और सामाजिक विज्ञान
के सभी क्षेत्रों में 45 वर्ष से कम आयु के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होगा तथा उन्हें छात्रों के लिए मान्य होगा जो पीएचडी पूरी कर चुके हों.
कौन थे मुशीरुल हसन?
इतिहास के विद्वान तथा भारत विभाजन और दक्षिण एशिया में इस्लामिक इतिहास को लेकर किए गए कार्यों के लिए उन्हें विशेष तौर पर जाना जाता है.
MUSHIRUL HASAN
अपने जीवन काल में इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक, इंडियन हिस्ट्री, कांग्रेस के अध्यक्ष तथा शिक्षक और कुलपति के तौर पर इनकी पहचान रही.
मुशीरुल हसन भारतीय समेकित संस्कृति और शिक्षा के सभी अच्छे गुणों को समायोजित करने का कार्य किया. इनकी किताबें जागरूकता फैलाने का कार्य करती हैं.
एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो जाने के कारण यह बेड पर चले गए और उसके बाद अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हुए वर्ष 2018 में उनका निधन हो गया. इन्हें पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.