BY-THE FIRE TEAM
जीवंत सोच और बिना थके अपने कर्तव्य का निर्वहन न केवल व्यक्ति के आत्मिक शक्ति को बल देता है बल्कि वह समाज में दूसरों के लिए भी प्रेरणा स्रोत भी बन जाता है.
यह तथ्य अक्षरशः सत्य साबित होता है केरल की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा पर, जिन्होंने कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए जिन नीतियों को लागू किया है, उसकी चर्चा विदेशी मिडिया में भी धूम मचा रही है.
आपको बता दें कि आज जब देश में कोरोना वायरस के मामले 78 हजार के पार चले गए हैं वहीं केरल भारत का पहला ऐसा राज्य है जहाँ सिर्फ एक ही कोरोना संक्रमित मरीज के पाए जाने से सतर्क होकर इसके विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए अपनी तैयारी को पुख्ता कर लिया था.
KK SHILAJA
शैलजा ने अपने सहयोगियों से बात करके इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा जारी की गई गाइड लाइन्स जैसे- टेस्ट किट, आइसोलेट वार्ड आदि का खाका बना लिया.
इसी का परिणाम है कि अभी तक दूसरे राज्यों की तुलना में जहाँ हजारों की संख्या में पीड़ितों का रिकॉर्ड मिल रहा है वहीं केरल में मात्र 524 मामले ही रिपोर्ट हुए तथा 4 मृतकों की सूचना है.
कोरोना वायरस के विरुद्ध जन जागरूकता फ़ैलाने से लेकर लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना, संक्रमितों को होम कोरेन्टाइन करने के साथ, अस्पतालों में भी पर्याप्त सुविधाएँ मुहैया करने का प्रबंध
तथा सोशल मीडिया के द्वारा लगातार आने वाले यात्रियों की निगरानी करने के साथ ही साथ प्रशासन को मुस्तैद करने का जो कार्य किया है वह बहुत ही प्रशंसनीय है.
पेशे से अध्यापक रहीं अब स्वास्थ्य मंत्री बनी शैलजा कोरोना से पहले केरल में आने वाले निपाह वायरस के विरुद्ध भी तगड़ा लोहा लिया था जिसकी हर तरफ प्रशंसा मिली थी.