BY-THE FIRE TEAM
वर्तमान समय में देश में आये दिन जो घटनाएँ घट रही हैं तथा जो स्थिति दिख रही है, वह कुछ अच्छा संकेत नहीं कर रही हैं. अभी विगत दिनों में एक आईएएस अधिकारी ने सरकार के रवैये से
असंतुष्ट होकर इस्तीफा दे दिया था. इस तरह की घटना की पुनः पुनरावृति देखने को मिली है. आपको बता दें कि कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले के उप आयुक्त
एस शशिकांत सेंथिल ने अपने पद से यह कहते हुए त्यागपत्र दे दिया है कि-
“मुझे लगता है कि लोकतंत्र के बुनियाद को बनाने वाले ब्लाकों में अभूतपूर्व तरीके समझौता किया जा रहा है. ऐसे में मेरा इस पद पर बना रहना और नागरिक सेवक के रूप में काम करना उचित नहीं है, इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है.”
https://twitter.com/ashoswai/status/1169880439948886017
चूँकि किसी भी देश की ब्यूरोक्रेसी उसकी स्केलेटन (रीढ़) होती है और यदि वे ही असंतुष्ट और पीड़ित महसूस करने लगे तो देश कितना विकास करेगा और किस दिशा में जायेगा इसको समझा जा सकता है.
इस आईएएस अधिकारी के बयान और अपने पद से इस्तीफा देने तक के पुरे प्रकरण का अप्रत्यक्ष अवलोकन किया जाये तो उसकी पीड़ा का आँकलन किया जा सकता है,
साथ ही इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोकसेवकों को पॉलिटिकल सिस्टम का कितना दबाव झेलना पड़ता है?