टीएमसी से सांसद महुआ मोइत्रा जो अपने जोरदार भाषण से लोकसभा में छा गईं


BY-THE FIRE TEAM


इस बार 17वीं लोकसभा का चुनाव हुआ जो कई कारकों से महत्वपूर्ण बन गया है. लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला ऐसा लोकसभा चुनाव था जो सबसे अधिक विवादास्पद रहा.

मसलन- प्रत्याशियों के परचा ख़ारिज होने से लेकर ईवीएम मशीन में धाँधली का आरोप के साथ -साथ लगभग आधे ऐसे व्यक्ति सांसद बने हैं जो अपराध की कई गंभीर धाराओं का मुकदमा झेल रहे हैं.

एक और प्रमुख पहलू यह भी है कि इस इलेक्शन में जनता और उससे जुड़े मामलों जैसे रोजगार के अवसर, उद्योग धंधों की स्थापना, बेरोजगारी दूर करने के टूल, आम आदमी की सुरक्षा, भ्रस्टाचार का खात्मा इत्यादि जैसे विषय न होकर कुछ और ही था जिनसे आम जनजीवन से कोई सरोकार नहीं था.

इसी क्रम में बंगाल की टीएमसी पार्टी से एक ऐसी महिला सांसद बनी हैं जिनके अल्पकालीन जोरदार भाषणों से लोकसभा गूँज उठी.

मीडिया की स्वतंत्रता, असम के एनआरसी का मुद्दा, बेरोजगारी, राष्ट्रवाद किसानों की समस्याओं, भ्रष्टाचार आदि पहलुओं पर बीजेपी को जमकर घेरा तथा उस पर कई आरोप लगाए.

मोइत्रा ने कहा कि- लोकसभा का पूरा चुनाव व्हाट्सप्प, फेक न्यूज़ के आधार पर लड़ा गया है और बीजेपी सरकार की तानाशाही अपने चरम पर रही.

अपने इस आरोप की पुष्टि के लिए मोइत्रा ने निम्नलिखित तर्क रखे-

1.देश में राष्ट्रिय सुरक्षा के नाम पर दुश्मन खड़ा करने की प्रवृति बढ़ रही है

2. मीडिया को इतना नियंत्रित कर लिया गया है जितना सोचा नहीं जा सकता था

3. देश में मानव अधिकारों के हनन की कई घटनाएं घट रही हैं तथा नफरत द्वारा ऐसी वारदातों को बढ़ावा दिया जा रहा है

4. उन्होंने सरकार और धर्म को एक दूसरे का पूरक बताया है और ‘सिटीजन अमेंडमेंट बिल’  पारित करके खास समुदाय को इसका निशाना बनाया जा रहा है, की बात भी रखी

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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