BY-THE FIRE TEAM
आजमगढ़ पर लगे ‘आतंकगढ़’ के ठप्पे को हटाने के लिए लड़ रहे राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशीदी ने मंगलवार को कहा कि देश में ‘भगवा’ या ‘इस्लामिक आतंकवाद’ नहीं है, लेकिन देश में ‘सरकारी आतंकवाद’ जरूर है.
रशीदी ने दावा किया कि राजनीति में मुस्लिमों को ‘अछूत’ बनाए जाने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा- निर्दोष मुस्लिम नौजवानों का एनकाउंटर कर दिया जाता है, उन्हें जेलों में ठूंस दिया जाता है.
मैं ऐसे ही निर्दोष नौजवानों की लड़ाई लड़ रहा हूं. मुझे लगता है कि देश में भगवा या इस्लामिक आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं है. देश में केवल ‘सरकारी आतंकवाद’ है.
बीमार होने की वजह से इस चुनाव में सक्रिय भूमिका नहीं निभा पा रहे रशीदी ने कहा, “एक साजिश चल रही है कि राजनीति में मुसलमानों को अछूत रखा जाए, उन्हें अलग-थलग रखा जाए.”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और बीजेपी में कोई अंतर नहीं है, दोनों दलों में मुसलमानों पर “गद्दार” का ठप्पा लगाने की प्रतिस्पर्धा रहती है.
रशीदी “दोनों पार्टियां आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही हैं. वे खुद को समाज का हमदर्द दिखाते हैं, लेकिन उनकी नीतियां मुसलमानों पर देशद्रोही होने का ठप्पा लगाने के लिए हैं.
उन्होंने कहा, “यह मुसलमानों को राजनीतिक रूप से अछूत बनाने के लिए किया जाता है ताकि उनके बीच नेतृत्व खड़ा न हो, और आतंकवादी के टैग के साथ वे किसी भी सरकार में शामिल नहीं हो सकें.”
बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा के इस दावे पर कि उन्हें एजेंसियों द्वारा झूठे मामलों में फंसाया गया था, रशादी ने कहा-
“मैं एक ही बात कह रहा हूं …अगर वह शामिल नहीं थी (2008 मालेगांव विस्फोट में) इसका मतलब है कि हमारी एजेंसियों ने ऐसा किया और उन्हें फंसाया. ठीक ऐसा ही मुस्लिम युवाओं के साथ भी है, जिन्हें हमारी एजेंसियों ने फंसाया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ को ‘आतंकगढ़’ बना दिया है, उन्होंने बाटला हाउस एनकाउंटर का हवाला देते हुए कहा, “हमने एक कैंपेन चलाया और इसे एक प्रतीक बना दिया, राजनेताओं ने ये स्वीकार करने के लिए मजबूर किया.”
रशादी ने कहा, “सीएम ने अब महसूस किया है कि मुठभेड़ फर्जी थी और आजमगढ़ का नाम ‘आतंकगढ़’ था.”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की आंखों में आंसू थे, जब उन्हें मुठभेड़ के बारे में पता चला और दिग्विजय सिंह ने स्वीकार किया कि मुठभेड़ फर्जी थी.
उन्होंने कहा, ‘आदित्यनाथ ने पिछले महीने यहां एक चुनावी सभा के दौरान आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ को आतंकगढ़ में बदल दिया, जिस आजमगढ़ को कभी शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में जाना जाता था, उसे ‘आतंकगढ़’ के रूप में जाना जाता है.’
मौलाना ने कहा, “वह एजेंसियों द्वारा फंसाए गए मुस्लिम युवाओं के लिए लड़ना जारी रखेंगे और बाटला मुठभेड़ में जांच की मांग करेंगे.” चल रहे लोकसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर, रशादी ने कहा कि मुस्लिम समाज के पास “अनुभव है, वह बुद्धिमानी से मतदान करेंगे.”
(SOURCE-DAILY HUNT)