BY-THE FIRE TEAM
बिजली मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी लि. को पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) में सरकार की पूरी 65.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बाजार भाव के हिसाब से,
16,000 करोड़ रुपये में बेचने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इस कदम से केंद्र को अपना विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगा।
ज्ञात सूत्रों से पता चला है कि , ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कारपोरेशन में सरकार की पूरी 65.6 प्रतिशत हिस्सेदारी आरईसी को बेचने के प्रस्ताव पर बिजली मंत्रालय विचार कर रहा है। विनिवेश के बाद पीएफसी आरईसी की होगी और एक कंपनी आरईसी लि. होगी।’’
उसने कहा, ‘‘निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के बाद बिजली मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार किया है।
विभाग ने मंत्रालय से उसके अधीन आने वाली इकाइयों के बीच विलय और अधिग्रहण की संभावना टाटोलने को कहा है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘प्रस्ताव तैयार होने के बाद मंत्रालय उसे दीपम के पास भेजेगा। उसके बाद प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये तैयार किया जाएगा।’’
फिलहाल सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में विनिवेश के जरिये 15,000 करोड़ रुपये जुटाये हैं। इसमें 5,300 करोड़ रुपये काले इंडिया में शेयर बिक्री से,
तथा 1,700 करोड़ रुपये चार सार्वजनिक उपक्रमों…राइट्स, इरकॉन, मिश्र धातु निगम तथा गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स के आईपीओ बेचकर 1,700 करोड़ रुपये जुटाये हैं।
गौरतलब है कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सूत्रों ने कहा कि- दीपम और बिजली मंत्रालय विलय एवं अधिक से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।मौजूदा बाजार भाव पर पीएफसी में 65.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से 16,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।