BY-THE FIRE TEAM
जनता को ज्ञात है कि ज्यों- ज्यों लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही अब राममंदिर का मुद्दा भी तुल पकड़ता जा रहा है. आपको पता होगा कि बीजेपी ने अपने चुनावी अजेंडे में मंदिर निर्माण को आधार बनाया था.
यद्यपि अन्य मुद्दे भी शामिल रहे मसलन -भ्रष्टाचार से मुक्ति, विदेशों से काले धन की वापसी, महिलाओं को विशेष संरक्षण, हर व्यक्ति के खाते में पंद्रह लाख रूपये ,दो करोड़ नए रोजगार का सृजन आदि उनमे कितने पुरे हुए यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है.
पुनः मंदिर को लेकर बयानबाजियां शरू हो गई हैं हालाँकि सभी जानते हैं कि यह मामला कोर्ट में है. टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक भागवत ने कहा कि विपक्ष भी राम मंदिर का खुलकर विरोध नहीं करेगा.
साधु स्वाध्याय संगम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि- सरकार की भी अपनी सीमाएं होती हैं जबकि साधु-संत ऐसी सीमाओं से परे हैं और उन्हें धर्म, देश और समाज के उत्थान के लिए काम करना चाहिए.
इस मौके पर योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि जहां मंत्री और अमीर लोग अक्सर विफल हो जाते हैं, वहां साधु सफल होते हैं.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि इससे हिंदुओं एवं मुस्लिमों के बीच तनाव खत्म हो जाएगा.
भगवान राम को “इमाम-ए-हिंद” बताते हुए भागवत ने कहा कि वह देश के कुछ लोगों के लिए भगवान नहीं हो सकते लेकिन वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए भारतीय मूल्यों के एक आदर्श जरूर हैं.
उन्होंने कहा, ‘एक संघ कार्यकर्ता, संघ प्रमुख और राम जन्मभूमि आंदोलन के एक हिस्से के तौर पर मैं चाहता हूं कि भगवान राम की जन्मभूमि (अयोध्या) में जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर बनाया जाए.
आपको बताते चलें कि भागवत जब से संघ प्रमुख बने हैं वह राम मंदिर के निर्माण को लेकर कुछ न कुछ बयान देते ही रहते हैं. संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन उन्होंने कहा-अब तक यह हो जाना चाहिए था.
भव्य राम मंदिर का निर्माण हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की एक बड़ी वजह को खत्म करने में मदद करेगा.
और अगर मंदिर शांतिपूर्ण तरीके से बनता है तो मुस्लिमों की तरफ अंगुलियां उठनी बंद हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि यह देश की संस्कृति और ‘एकजुटता को मजबूत’ करने का मामला है, यह देश के करोड़ों लोगों के विश्वास का मुद्दा है.
उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत का भी समर्थन किया लेकिन कहा कि अंतिम फैसला राम मंदिर समिति के पास होगा जो मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन चला रही है.
जनता को ज्ञात है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या का राम मंदिर मामला एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अगर राम जन्मभूमि का मुद्दा कोर्ट या आपसी बातचीत से हल नहीं होगा तो सरकार संसद में क़ानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगी.
पूर्व बीजेपी सांसद व राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि -अब बिना अदालती फैसले के ही राम मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा.
एक कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच साझा करते हुए राम विलास वेदांती कहा कि- 2019 से पहले बिना कोर्ट के आदेश के राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, ठीक वैसे ही जैसे विवादित ढांचा ढहाया गया था.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया कि सरकार संवैधानिक मर्यादाओं से बंधी है और मंदिर निर्माण के लिये संत समाज को अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा.