लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले अराजक तत्वों से निपटने के लिए ‘मोटर वाहन एक्ट’ ने अब सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है. जी हाँ, यदि कोई मोटर साइकल अथवा कार चलाते वक्त
फोन पर बातें करता हुआ पकड़ा जाएगा तो पहली बार में उसे एक हजार और दूसरी बार में दस हजार रूपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली के
अंतर्गत अनेक ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं ताकि वाहन चलाते समय अथवा गाड़ी खड़ी करते वक्त किसी को कोई असुविधा महसूस न हो.
यही वजह है कि पार्किंग स्थलों के विषय में भी नियम तय किये जा रहे हैं, चुँकि अधिकतर एक्सीडेंट लापरवाही के कारण होते हैं, ऐसे में कानून बनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है.
दो पहिया वाहन चलाते समय यदि कोई बिना हेलमेट पकड़ा जाता है तो उसे एक हजार का जुर्माना देना होगा जबकि गलत तरीके से बिना पार्किंग में गाड़ी खड़ा करता है तो उसे 500 रूपये का दंड झेलना होगा.
इसके अतिरिक्त बिना लाइसेंस के, अलप व्यस्क बच्चों के वाहन चलाने तथा सुरक्षा सीट बेल्ट लगाए भी गाड़ी चलाये जाने पर यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही किया जायेगा.
एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव जो किया गया है वह अधिकारी के साथ यदि कोई उसका काम करने में बाधा डालता है तो पहले जहाँ 1000 रूपये आर्थिक दंड था,
अब उसे बढ़ाकर 2000 रूपये कर दिया गया है. सरकार की लिखित अनुमति के बिना भी कोई रेस या ट्रायल में भाग लेने का दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भी दस हजार का चालान काटने का आदेश हुआ है.
शांत/प्रतिबंधित क्षेत्रों में यदि कोई हॉर्न का प्रयोग करता है तो पहली बार में एक हजार जबकि दूसरी बार में दो हजार तक का जुर्माना देना होगा.