BY-THE FIRE TEAM
वर्तमान समय में राजनीति किस दिशा में जा रही है, कुछ भी कह पाना संभव नहीं लगता है. अभी तक राजनेता केवल एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप लगाया करते थे,
किन्तु इस समय अब भगवान भी उनकी गिरफ्त में आ चुके हैं. इस सम्बन्ध में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले बयान दिया था कि हिंदुओं के भगवान हनुमान दलित समुदाय से ताल्लुक रखते थे.
#YogiAdityanath allegedly calls Hanuman a Dalit, gets legal noticehttps://t.co/88X3hUNr4c pic.twitter.com/Ze7H4Fvxyd
— Hindustan Times (@htTweets) November 28, 2018
योगी के इस वक्तव्य पर एक व्यक्ति ने ट्वीट किया कि-
Never seen a more communal and casteist politician
Matlab Bhagwan mein bhi Jaati dhundh li 🤦🏻♂️https://t.co/RcXnKH6OTl
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) November 28, 2018
योगी के बयान को लेकर अभी विवाद थमा भी नहीं था कि अब नेशनल कमिशन फोर शिड्यूल्ड ट्राइब्स यानी राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के मुखिया नंद कुमार साईं ने कहा है कि, “भगवान हनुमान आदिवासी समुदाय से थे.”
#WATCH: Nand Kumar Sai,National Commission of Scheduled Tribes chairperson,says,"Log ye samajhte hain ki Ram ke sena mein Bhaloo the, banar the, giddh the…Hamara janjaati samaaj alag alag hai,kanwar samaaj mein 'hanuman' gotra' alag se hai.Ram ke saath ladai me ye log gaye the' pic.twitter.com/nrIlug9dzg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 30, 2018
नंद कुमार साईं ने कहा….लोग ये समझते हैं कि राम की सेना में भालू थे, वानर थे, गिद्ध थे. ये कभी आप रिसर्च करिएगा, हमारे पास है कि हमारा जनजाति समाज अलग-अलग है.
हमारे यहां टिग्गा जिसे वानर कहते हैं वो गोत्र है, हमारे यहां गिद्ध समाज है. कंवर समाज में हनुमान गोत्र है. राम के साथ ये लोग लड़ाई में गए हुए थे.
आपको बता दें कि राजस्थान चुनावों को लेकर अलवर में रैली करते हुए सीएम योगी ने भगवान हनुमान को दलित कहा था,
जिसके बाद से योगी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुरादाबाद में त्रिलोक दिवाकर नाम के वकील ने सीएम के बयान को हिंदुओं की भावनाओं को ठोस पहुंचाने वाला बताया है.
जनता को इन बातो का विश्लेषण करना चाहिये तथा सोचना होगा कि वे कैसे जनप्रतिनिधियों का चुनाव करके विधानमंडल में भेजें हैं ?
क्या यही लोकतंत्र है……..?