अनेक कंपनियों के द्वारा उपभोक्ताओं को ठगने के उद्देश्य से दिए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने 34 वर्ष पुराने उपभोक्ता कानून में बदलाव लाकर ग्राहकों के अधिकार को सुनिश्चित और मजबूत करने का कार्य किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक 1986 के कानून की जगह अब नया उपभोक्ता कानून लाया गया है जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 9 अगस्त 2019 को ही स्वीकृति दे दी गई थी, अब यह 20 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गया है.
Consumer Protection Act-2019: मिलावटी, खतरनाक उत्पाद बनाने व बेचने पर होगी कार्रवाई, सोमवार से लागू होंगे नए नियमPatrika : India’s Leading Hindi News Portal https://t.co/kuC87D5mIc
— My Daily Bihar News (@daily_bihar) July 19, 2020
यह कानून अब ग्राहकों को कई तरह से बल प्रदान करेगा जैसे- पहले ग्राहक के साथ यह समस्या थी कि वह जो कोई भी चीज खरीदता था तो उसमें डिफेक्ट आने पर उसे उसी जगह पर जाकर शिकायत दर्ज करनी पड़ती थी.
किन्तु अब ऐसा नहीं है बल्कि ग्राहक खरीदे हए सामान से असंतुष्ट है तो वह अपने खुद की जगह से ही क्रय की गई वस्तु के कम्पनी के विरुद्ध शिकायत कर सकता है.
यदि शिकायत सही पाई गई तो उस दुकानदार, रिटेलर अथवा कम्पनी को न केवल एक लाख रूपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है बल्कि 6 माह के लिए जेल भी भेजा जा सकता है.
इस कानून की प्रशंसा करते हुए रामविलास पासवान ने कहा था कि- इसके पारित हो जाने के बाद 50 वर्षों तक उपभो- क्ताओं के लिए किसी अन्य कानून की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दरअसल उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उपभोक्ता अदालतों के अलावे एक अन्य प्राधिकरण सीसीपीए भी बनाया गया है जो उपभोक्ताओं को त्वरित तथा प्रभावी ढंग से न्याय दिलाने का कार्य करेगा.
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