बढ़े हुए दामों को अगर वापस न लिया गया तो कांग्रेस पार्टी करेगी आंदोलन: निर्मला पासवान

  • निम्न एवं मध्यमवर्गीय विरोधी है भाजपा सरकार:निर्मला
  • पूंजीपतियों की है भाजपा सरकार
  • व्यापारी, कर्मचारी, किसान सभी है परेशान

देश में बढ़ते हुए पेट्रोल, डीजल के दामों को लेकर आज गोरखपुर में जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान के नेतृत्व में तहसीलदार सदर गोरखपुर को ज्ञापन सौंपा गया और सरकार की सरकार से मांग किया गया

कि तत्काल इस वृद्धि को वापस लिया जाए. इस अवसर पर बोलते हुए जिला तहसील जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि- अगर सरकार की बढ़ती हुई पेट्रोल, डीजल की कीमतों को वापस नहीं लिया गया तो इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगी और आम जनता कांग्रेस के साथ जुड़कर के एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने के लिए बाध्य हो जायेगी.

प्रदर्शन के दौरान जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि- केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए पेट्रोल, डीजल के दामों से मध्यम वर्गीय परिवार की जेब पर असर गया है. जीएसटी, नोटबंदी और कोरोनावायरस जैसी महामारी

के कारण लॉक डाउन से व्यापारी और आमजन अभी परेशान ही थे कि सरकार द्वारा इस तरह से लगातार 23 वे दिन पेट्रोल, डीजल के मूल्य वृद्धि ने आम जनमानस की कमर तोड़ दी है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दामों में कटौती हो रही है परंतु हमारे देश में तेल के दाम आसमान छू रहे हैं.

वह दिन दूर नहीं है कि तेल के दाम सैकड़ा पार कर जाए, भारत देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि पेट्रोल, डीजल के दाम ₹80 से ऊपर हो गए हैं, और ऐसा पहली बार भी हुआ है कि डीजल के दाम पेट्रोल से ज्यादा हो चुका है.

इस सरकार को सरकार चलाने नहीं सिर्फ जाति, धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने ही आता है. इस बढ़ती महंगाई से निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं जिससे आए दिन सरकार द्वारा रोजगार ना देने के कारण और बढ़ती महंगाई के वजह से आत्महत्या के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं.

लोगों को अपने परिवार और अपना जीवन यापन करने में कठिनाई आ रही है लेकिन सरकार द्वारा बेतहाशा मूल्य वृद्धि करना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार को चिंता जनता की नहीं है. भाजपा के नेताओं द्वारा जनसंवाद रैली की जा रही है परंतु जनता के साथ इस तरह की बढ़ती महंगाई पर किसी तरह का संवाद नहीं किया जा रहा है.

रुपया अंतरराष्ट्रीय मार्केट में गिरता जा रहा है, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं, महंगाई चरम सीमा पर हो गई है प्रवासी मजदूर जो अपने काम धंधे को छोड़कर आज घर पर आकर बैठे हुए हैं बिना नौकरी के इस तरह की महंगाई ने यह साबित किया है कि यह भाजपा सरकार को निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार से कोई मतलब नहीं है.

उन्हें मतलब है तो सिर्फ पूंजीपतियों से. बढ़ती महंगाई से किसान परेशान है, कर्जा लेते जा रहा है परंतु उसको कर्जे को माफ करने की बजाय सरकार पूंजीपतियों के कर्ज को माफ कर रही है. भाजपा सरकार में किसान, व्यापारी, कर्मचारी सभी परेशान है सभी के साथ इस सरकार ने धोखा किया छल किया है.

बड़े-बड़े चुनावी वादे करके किसी भी वादों पर खरा न उतर के इस सरकार ने इस जनता को ठग लिया है. अच्छे दिन आएंगे के सपने दिखाकर यह सरकार जनता से सिर्फ वोट मांगी और उनके वोट को लेकर जनता के सामने बुरे दिन रख दिए.

काला धन, रोजगार आदि कई मुद्दे ऐसे हैं जो भाजपा 2014 में शासन में आने से पहले इन मुद्दों की लड़ाई लड़ती थी और और आज इन मुद्दों का भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं है उन्हें सिर्फ चिंता है अपने देश के पूंजी पतियों की है. हम भाजपा सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर यह मूल्य वृद्धि वापस नहीं ली गई आए दिन धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

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