BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग(KVIC) ने बताया है कि- रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को कुल्लड़ में चाय, लस्सी और अन्य देशी निर्मित उत्पाद बेचे जायेंगे.
इससे न केवल स्वदेशी उत्पादों को बढ़त मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा. साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को भी नियंत्रित्र करने में सहयोग प्राप्त होगा.
इस कदम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके द्वारा प्लास्टिक के उपयोग पर लगाम लगेगी तथा कुम्हारों की आय में इजाफा होगा.
#KVIC's handmade Kulhads by artisans are now available across 400 railway stations in India.
Read more: https://t.co/1iflKQvynd#KumharSashaktikaran #CareerOpportunities #FulfillingDreams@ChairmanKvic @minmsme @EconomicTimes @HRDMinistry @PiyushGoyal @MSDESkillIndia @NSDCINDIA— Khadi India (@kvicindia) September 12, 2019
आपको बताते चलें कि सरकार निरंतर स्वदेशी तकनीक को फ़ैलाने के लिए प्रयासरत है. इस संबंध में केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि-
सरकार के इस निर्णय से उत्साहित होकर आयोग कुम्हारों को 30,000 इलेक्ट्रिक चाक का प्रबंध करेगा तथा मिट्टी के बने सामानों को नष्ट अथवा पुनर्चक्रण करने के लिए ग्राइंडिंग मशीन भी मुहैया कराएगा.
Thanks to Hon’ble Rail Minister @PiyushGoyal ji for supporting KVIC's #KumharSashaktikaran by adopting kulhads & other terracotta products at 400 important Railway Stations in the country. It will bring smiles on the faces of marginalised potters. @PMOIndia, @nitin_gadkari pic.twitter.com/9pI9lagQuJ
— Chairman, KVIC (@ChairmanKvic) September 12, 2019
दरअसल लघु, सुक्ष्म और मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने भी रेल मंत्री पियूष गोयल से कुल्लड़ जैसे वस्तुओं को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया था, जिसको ध्यान में रखकर यह फैसला किया गया है.
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने कुम्हारों को सशक्त बनाने के लिए ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ चला रहा है जिसके अंतर्गत 31 मार्च, 2019 तक 10620 बिजली के चाक का प्रबंध करना है,
इससे कुम्हारों की आय और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिली है.