राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने ‘ज़ूम एप’ के यूजर्स को सुरक्षा मानकों के लिए बताया खतरा, सावधानी बरतने की नसीहत दी


BY-THE FIRE TEAM


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित करने के साथ ही सभी तरह के आवागमन पर प्रतिबन्ध लग चुका है.

ऐसे में सबसे बड़ा नुकसान आर्थिक क्षेत्र की गतिविधियों पर पड़ा है किन्तु इस लॉकडाउन में भी समय को कैसे उपयोगी बनाया जाये

इसके लिए नेटवर्किंग कम्पनियों के साथ-साथ निजी संस्थानों ने डिजिटल मार्केटिंग का सहारा लिया है और इसे बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मीटिंग और सेमिनार का आयोजन कर रही हैं. इस कार्य को मोबाइल फ़ोन के प्ले स्टोर से जूम एप को इनस्टॉल करके सुविधाजनक बनाया जा रहा है.

 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि घर बैठे ही हम एक बड़े आयोजन का हिस्सा बन जाते हैं तथा उन नामी गिरामी वक्ताओं के अनुभवों और विचारों को आसानी से सुन, समझ और अपने प्रश्न पूछ लेते हैं जिनसे मिलना और बात करना काफी दुर्लभ होता है.

इस दृष्टिकोण से तो यह एक बेहतर कदम माना जा सकता है किन्तु इसकी कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन्हे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं जिनके प्रति नेशनल साइबर सेक्युरिटी एजेंसी (CERT) ने हमें आगाह किया है.

 

इस विषय में इन एजेंसियों का कहना है कि-“डिजिटल अप्लीकेशन का उपयोग बिना सुरक्षा उपायों के करना साइबर हमलों के नजरिये से जोखिमभरा हो सकता है.”

आपको बताते चलें कि जूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, सिस्को, वेबएक्स आदि ऐसे अनेक ऑनलाइन संचार माध्यम हैं जिनकी सहायता से वीडियो कांफ्रेंसिंग और वेबिनार्स का आयोजन किया जाता है.

ऐसे में संवेदनशील बैठकों और चर्चाओं पर साइबर हैकरों की तीखी नजर खतरा उत्पन्न कर सकती है. जरूरत इस बात की है कि ऐसे हमलों से बचने के लिए हमें अपने ऍप्लिकेशन को लगातार अपडेट करते रहें तथा सुरक्षित पासवर्ड को लगाएं जिसमें सेंध लगाना मुश्किल हो.

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