BY-THE FIRE TEAM
अपने ट्विटर हैंडल के कांग्रेसी नेता पंकज पुनिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उनकी पार्टी भाजपा पर विवादित टिप्पणी किया जिसको लेकर भाजपा और उसके समर्थकों ने एफआईआर दर्ज कराया.
पुनिया ने लिखा था-
पुलिस ने उस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है हालाँकि बढ़ते विरोध को देखते हुए पुनिया ने इस पोस्ट को हटा दिया.
दरअसल इस प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट कांग्रेसी नेता ने उस समय किया जब काँग्रेस माध्यम से ऐसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुँचाने के लिए एक हजार बसों का इंतजाम किया था
जो केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के बाद किसी परिवहन की व्यवस्था न होने पर हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने बच्चों और परिवारों के साथ अपने घरों की ओर इस तपती धुप में भूखे, प्यासे ही चलने को मजबूर हुए हैं.
इस विषम परिस्थिति में भी सीएम आदित्यनाथ ने उन बसों को परमिशन देने से इंकार कर दिया. जहाँ तक इन बसों के निरस्त करने का पहलू है उस विषय में योगी सरकार ने बताया कि-
कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों के जब नम्बरों की जाँच की गई तो उनमें एम्बुलेंस, ऑटो, कार, डीसीएम आदि के नंबर मिले जिसकी वजह से इनको अनफिट करार दिया गया.
इस मुद्दे को लेकर प्रियंका वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है.
बहरहाल जो भी क़ानूनी कार्यवाही हुई वह तो अलग विषय है किन्तु श्रमिकों और मजदूरों को लेकर इस तरह की राजनीति करना कहाँ तक देश और लोकहित में है इस पर विचार करने की जरूरत है.