BY–THE FIRE TEAM
एक तरफ सरकार तेल के महंगे होने के बाहरी कारणों को गिना रही है वहीं दूसरी तरफ यह और महंगा होता चला जा रहा है। सरकार तेल के दामों को नियंत्रित कर पाने में पूरी तरह विफल है।
मुंबई में सोमवार को पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया। रुपये में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने से देशभर में वाहन ईंधन के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार सोमवार को पेट्रोल के दाम 11 पैसे प्रति लीटर और डीजल के पांच पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं। इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 82.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल 74.02 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
मुंबई में पेट्रोल पहली बार 90 रुपये लीटर के आंकड़े के पार गया है। शहर में इंडियन आयल कॉरपोरेशन के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल 90.08 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पंपों पर 90.17 रुपये लीटर और भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंपों पर 90.14 रुपये लीटर पर पहुंच गया है।
भारत कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से यहां कीमतें प्रभावित हो रही हैं।
आधे से अधिक देशों में ब्रेंट को तेल कीमतों का मानक माना जाता है। पिछले पांच सप्ताह में ब्रेंट के दाम 71 डॉलर प्रति बैरल से 80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं।
दिल्ली के ईंधन के दाम सबसे कम हैं क्योंकि यहां कर की दर निचले स्तर पर है। मुंबई में ईंधन पर बिक्री कर और वैट की दर सबसे अधिक है। इसी अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपया पांच छह प्रतिशत टूटा है। मुंबई में आईओसी के पंप पर डीजल का दाम 78.58 रुपये, एचपीसीएल के स्टेशन पर 78.67 रुपये और बीपीसीएल के पंप पर 78.67 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
कोलकाता में पेट्रोल 84.63 रुपये लीटर और डीजल 75.95 रुपये लीटर बिक रहा है। चेन्नई में पेट्रोल 86.08 रुपये लीटर और डीजल 78.35 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच चुका है।
तेल के लगातार बढ़ते दाम से जनता परेशान है। यात्री सवारी से लेकर माल ले जाना भी अब काफी महंगा हो गया है। इसके कारण आम घरेलू सामान जिसमें मुख्यता खाद्य पदार्थ शामिल हैं, महेंगे हो रहे हैं।
बताते चलें कि तेल के बढ़ते दाम पर बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इसके कारण विदेशी हैं।